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आचार्य बेला इंडिया टेंपल में जगतगुरु श्रीनिवासाचार्य बाल स्वामी की पुण्यतिथि पर संत समाज ने अर्पित की श्रद्धांजलि

संत परंपरा सनातन संस्कृति की वाहक:- स्वामी दिव्यांश वेदांती महाराज

हरिद्वार। साकेत वासी जगतगुरु रामानुजाचार्य स्वामी श्री श्रीनिवासाचार्य बाल स्वामी महाराज की 15 वीं पुण्यतिथि पर संत समाज ने भूपतवाला स्थित आचार्य बेला इंडिया टेंपल में युवराज स्वामी दिव्यांश वेदांती महाराज के सानिध्य में उन्हें श्रद्धा सुमन अर्पित करते हुए संत जगत की महान विभूति बताया। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए श्री चेतन ज्योति आश्रम के अध्यक्ष स्वामी ऋषिश्वरानंद महाराज ने कहा कि महापुरुष केवल शरीर त्यागते हैं। समाज कल्याण के लिए उनकी आत्मा सदैव व्यवहारिक रूप से इस धरा पर उपस्थित रहती है। साकेत वासी स्वामी श्रीनिवासाचार्य बाल स्वामी महाराज एक विद्वान एवं तपस्वी संत थे, जिन्होंने जीवन पर्यंत धर्म एवं संस्कृति के संरक्षण संवर्धन के लिए कार्य किया l राष्ट्र निर्माण में उनका अतुल्य योगदान सदैव अविस्मरणीय रहेगा। आचार्य बेला इंडिया टेंपल के युवराज स्वामी दिव्यानंद वेदांती महाराज ने कार्यक्रम में पधारे सभी संत महापुरुषों का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि संत परंपरा सनातन संस्कृति की वाहक है और महापुरुषों ने सदैव समाज को एक नई दिशा प्रदान की है। साकेत वासी श्रीनिवासाचार्य बाल स्वामी महाराज एक युगपुरुष थे l जिनके आकस्मिक निधन से संपूर्ण संत समाज को एक गहरी क्षति पहुंची l उन्होंने सदैव भावी पीढ़ी को संस्कारवान बनाते हुए धर्म की रक्षा के लिए प्रेरित किया l ऐसे महान महापुरुषों को संत समाज नमन करता है। वर्तमान में पूज्य गुरुदेव जगद्गुरु रामानुजाचार्य स्वामी श्यामनारायणचार्य महाराज आचार्य बेला इंडिया टेंपल के सेवा प्रकल्पो को भली-भांति निरंतर उन्नति की ओर अग्रसर कर रहे हैं। ईश्वर से उनकी दीर्घायु की कामना करते है। बाबा हठयोगी महाराज एवं जगतगुरु रामानुजाचार्य स्वामी शेषनारायणचार्य महाराज ने कहा कि शांत, सरल, सौम्य और करुणा की प्रतिमूर्ति साकेतवासी श्रीनिवासाचार्य बाल स्वामी महाराज संत समाज का गौरव थे। जिनके जीवन का अनुसरण कर युवा संतो को समाज कल्याण में अपनी सहभागिता सुनिश्चित करनी चाहिए। ऐसे महापुरुष समाज को विरले ही प्राप्त होते हैं। संत समाज ऐसे महापुरुषों के चरणों में वंदन अर्पित करता है। श्रीमहंत दुर्गादास महाराज ने कहा कि संतों का जीवन निर्मल जल के समान होता है और साकेत वासी श्रीनिवासाचार्य बाल स्वामी तो साक्षात त्याग एवं तपस्या की प्रतिमूर्ति थे। श्रद्धांजलि देने वालों में स्वामी हरिहरानंद स्वामी रविदेव, शास्त्री स्वामी दिनेश दास, स्वामी माधव प्रपन्नाचार्य ,स्वामी नरेशनंद महाराज, स्वामी नारायण दास पटवारी, महंत शिवानंद, महंत सूरज दास, महंत अरुण दास, स्वामी ज्ञानानंद शास्त्री, स्वामी राम जी, महामंडलेश्वर स्वामी ललित आनंद गिरी, महामनीषी निरंजन, स्वामी भक्त दुर्गादास, स्वामी ऋषि रामकृष्ण, महंत प्रह्लाद दास, महंत रामानंद सरस्वती सहित बड़ी संख्या में संत महापुरुष एवं श्रद्धालु भक्त उपस्थित रहे।

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