विक्की सैनी
हरिद्वार, 23 फरवरी। निरंजन पीठाधीश्वर आचार्य महामण्डलेश्वर स्वामी कैलाशानंद गिरी महाराज ने कहा कि तीन मार्च को निकलने वाली श्री पंचायती अखाड़ा निरंजनी की पेशवाई ऐतिहासिक होगी। उन्होंने कहा कि पेशवाई में संत महापुरूषों के दिव्य दर्शन श्रद्धालु भक्तों को प्राप्त होंगे। कोरोना दिशा निर्देशों का पालन करते हुए भव्य व दिव्य पेशवाई के रूप से अखाड़े के संतों का छावनी प्रवेश होगा। स्वामी कैलाशानंद गिरी महाराज ने कहा कि कुंभ मेला देश दुनिया को सनातन संस्कृति से अवगत कराने का सर्वोच्च माध्यम है। कुंभ मेला सकुशल संपन्न कराने के लिए राज्य एवं केंद्र सरकार भरसक प्रयास कर रही है। सरकार द्वारा समय समय पर कोरोना संक्रमण को लेकर भी दिशा निर्देश दिए जा रहे हैं। निर्देशों का पालन सुनिश्चित करने के लिए संत समाज भी कुंभ मेले में निर्णायक भूमिका निभाएगा। हरकी पैड़ी सहित विभिन्न गंगा घाटों पर मेला प्रशासन द्वारा साज सज्जा भी की जा रही है। घाटों पर संत महापुरूषों के दिव्य दर्शन कलाकृतियों के माध्यम से देखे जा सकते हैं। उन्होंने कहा कि कुंभ मेला भारतीय संस्कृति की अद्भूत पहचान है। कुंभ मेले में सम्मिलित होने वाले श्रद्धालु भक्तों को संत महापुरूषों के उपदेशों से ज्ञान का सागर प्राप्त होगा। उन्होंने कहा कि गंगा हमारी आस्था का केंद्र बिन्दु है। मां गंगा को प्रदूषण मुक्त बनाने के लिए सभी को अपनी सहभागिता निभानी चाहिए। साथ ही कुंभ मेले में आने वाले श्रद्धालु पाॅलीथीन का उपयोग ना करें। केवल कपड़े व कागज के थैलों का ही इस्तेमाल करते हुए पर्यावरण को संरक्षित करने का काम करें। कुंभ मेले में सम्मिलित होने वाले श्रद्धालु भक्त सरकार के दिशा निर्देशों का पालन करें। आने से पहले आरटीपीसीआर टेस्ट अवश्य कराएं और एसओपी का पालन करते हुए सरकार का सहयोग करें। निरंजन पीठाधीश्वर स्वाामी कैलाशानंद गिरी ने कहा कि कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए जनता की सहभागिता जरूरी है। साथ ही उन्होंने आने वाले श्रद्धालुओं से यह भी अपील की कि मास्क, सेनेटाइजर व उचित दूरी आदि नियमों का पालन करते हुए कोरोना मुक्त कुंभ मेला कराने का संकल्प लेकर ही हरि की नगरी में पहुंचे।