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श्रीमहंत नरेंद्र गिरि महाराज त्याग एवं तपस्या की साक्षात प्रतिमूर्ति थे- श्रीमहंत रामरतन गिरी

हरिद्वार, 5 अक्तूबर। श्री पंचायती अखाड़ा निरंजनी के सचिव श्रीमहंत राम रतन गिरी महाराज ने अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष ब्रह्मलीन श्रीमहंत नरेंद्र गिरि महाराज को श्रद्धा सुमन अर्पित करते हुए उन्हें एक महान संत बताया। इस दौरान उन्होंने कहा कि श्रीमहंत नरेंद्र गिरि महाराज एक युगपुरुष थे। उनके आकस्मिक निधन से एक युग का अंत हुआ है क्योंकि उन्होंने संपूर्ण जीवन मानवता की रक्षा और धर्म एवं संस्कृति के संरक्षण संवर्धन के लिए व्यतीत किया। राष्ट्र निर्माण में उनका अतुल्य योगदान कभी भुलाया नहीं जा सकता। भारत में पहली बार उन्होंने फर्जी संतों के खिलाफ मुहिम चलाकर समाज को जागृत किया साथ ही गौ गंगा संरक्षण का संदेश भी समय-समय पर युवा पीढ़ी को देते रहे। ऐसे महापुरुषों का असमय चले जाना संपूर्ण मानव जाति के लिए एक अपूरणीय क्षति है। उन्होंने कहा कि श्रीमहंत नरेंद्र गिरि महाराज त्याग एवं तपस्या की साक्षात प्रतिमूर्ति थे। मां चंडी देवी मंदिर परमार्थ ट्रस्ट के अध्यक्ष महंत रोहित गिरी महाराज ने कहा कि महापुरुषों ने सदैव ही समाज को नई दिशा प्रदान की है और ब्रह्मलीन श्रीमहंत नरेंद्र गिरि महाराज साक्षात त्याग एवं तपस्या के प्रतिमूर्ति थे। जिन्होंने अखाड़े की परंपराओं का निर्वहन करते हुए संतो को एक मंच पर लाने का सराहनीय कार्य किया। उनके आदर्श जीवन से प्रेरणा लेकर युवा पीढ़ी को सनातन धर्म एवं भारतीय संस्कृति के प्रचार प्रसार हेतु समर्पित रहना चाहिए। महंत रोहित गिरी महाराज ने कहा कि ब्रह्मलीन श्रीमहंत नरेंद्र गिरी महाराज एक दिव्य महापुरुष थे। जिन्होंने जीवन पर्यंत सनातन संस्कृति के प्रचार प्रसार में अपना महत्वपूर्ण योगदान प्रदान किया और समय-समय पर धर्म से जुड़े मुद्दों को समाज के समक्ष उठाया। उन्होंने फर्जी संतों पर कार्यवाही कर समाज को धर्म के प्रति भी जागृत किया ऐसे महापुरुषों को संत समाज सदैव स्मरण करता रहेगा।

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