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मृत्यु के भय के मुक्त करती है शिव आराधना-श्रीमहंत रविन्द्रपुरी

हरिद्वार, 4 अगस्त। अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं श्री पंचायती अखाड़ा निरंजनी के सचिव श्रीमहंत रविंद्रपुरी महाराज ने कहा है कि भगवान शिव की आराधना से शरीर में अद्भुत ऊर्जा बल और साहस की अनुभूति होती है। भगवान शिव मृत्युंजय है और इनकी आराधना हमें अकाल मृत्यु के भय से मुक्त करती है तथा सदैव रोगमुक्त भी रखती है। मायापुर स्थित श्री पंचायती अखाड़ा निरंजनी के चरण पादुका मंदिर में भगवान शिव की आराधना के दौरान श्रद्धालु भक्तों को शिव महिमा का सार समझाते हुए श्रीमहंत रविंद्रपुरी महाराज ने कहा कि भगवान शिव सौभाग्य दायक हैं। जो हमें बल बुद्धि और सुख समृद्धि प्रदान करते हैं। इनकी उपासना से गृहस्थ जीवन में अनुकूलता प्राप्त होती है। इसीलिए सावन पर्यंत सभी को इनकी उपासना अवश्य करनी चाहिए। श्रीमहंत रविंद्रपुरी महाराज ने कहा कि भगवान शिव कुबेर के भी अधिपति हैं। अतः लक्ष्मी प्राप्ति हेतु इनका स्मरण करते रहना चाहिए। भगवान शिव की कृपा जिस पर भी हो जाए। उसका जीवन भवसागर से पार हो जाता है और उसके जीवन की समस्त दुश्वारियां स्वयं ही समाप्त हो जाती हैं। भगवान शिव की भक्ति में वह शक्ति है कि बड़ी से बड़ी आसुरी शक्ति भी उनके भक्तों का बाल बांका नहीं कर सकती। भगवान शिव अपने भक्तों का संरक्षण कर उन्हें भवसागर से पार लगाते हैं। शिव की भक्ति शत्रु नाश के लिए भी श्रेष्ठकर है। भगवान शिव संपूर्ण स्वरूप है। इसलिए इनकी अराधना जीवन पर्यंत की जाती है। इनकी आराधना से व्यक्ति अपने इष्ट के दर्शन पाकर धन्य हो जाता है और उसके सभी मनोरथ पूर्ण होते हैं।

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