श्रीराम कथा के विश्राम अवसर पर एकादश रूद्र पीठ आश्रम में आयोजित हुआ संत समागम
हरिद्वार 24 फरवरी। महामंडलेश्वर स्वामी हरिचेतनानंद महाराज ने कहा है कि युगो युगो से सनातन धर्म और भारतीय संस्कृति विश्व का मार्गदर्शन करते चले आ रहे हैं। और संत महापुरुष सनातन धर्म की रीड़ है। जिन्होंने हमेशा ही राष्ट्र को नई दिशा प्रदान की है। भारतमाता पुरम स्थित एकादश रुद्रपीठ आश्रम में आयोजित श्रीराम कथा के विश्राम अवसर पर संत समागम को संबोधित करते हुए स्वामी हरिचेतनानंद महाराज ने कहा कि महामंडलेश्वर स्वामी संतोषानंद सरस्वती महाराज वयोवृद्ध अवस्था में भी धर्म के संरक्षण, संवर्धन में अपना सहयोग प्रदान कर रहे हैं। जिनसे युवा संतो को प्रेरणा लेकर राष्ट्र की उन्नति में अपनी सहभागिता सुनिश्चित करनी चाहिए। श्री चेतन ज्योति आश्रम के अध्यक्ष स्वामी ऋषिश्वरानंद महाराज ने कहा कि संतों का जीवन परोपकार को समर्पित रहता है। और राष्ट्रीय एकता अखंडता बनाए रखने में महापुरुषों ने सदैव अग्रणी भूमिका निभाई है। राजगुरु स्वामी संतोषानंद सरस्वती महाराज तपस्वी एवं विद्वान संत है। जो अपने ज्ञान और विद्वत्ता के माध्यम से भावी पीढ़ी को संस्कारवान बनाकर सनातन धर्म के प्रचार प्रसार में अपना जीवन समर्पित कर रहे हैं। युवा भारत साधु समाज के अध्यक्ष महंत शिवानंद एवं महामंत्री स्वामी रविदेव शास्त्री महाराज ने कहा कि समाज के मार्गदर्शक स्वामी संतोषानंद सरस्वती महाराज का कुशल व्यवहार और निर्मल जीवन सभी के लिए प्रसांगिक है। हम सभी को अपने धर्म और संस्कृति के प्रति समर्पित रहकर उच्च विचारों को अर्जित करना चाहिए। ताकि भावी पीढ़ी मे सुसंस्कारों का संचार हो। इस दौरान कार्यक्रम में पधारे सभी संत महापुरुषों का ब्राह्मण सर्व सेवा संघ के अध्यक्ष सुरेंद्र शर्मा ने फूल माला पहनाकर स्वागत किया। इस दौरान महंत सूरज दास, महामंडलेश्वर स्वामी कमलेशानंद, महामंडलेश्वर स्वामी ललितानंद गिरी, स्वामी हरिहरानंद, स्वामी दिनेश दास, महंत गोविंद दास, महंत कल्याण देव, योगी सत्यव्रतानंद, महंत मोहन दास, स्वामी केशवानंद, सहित अनेक संत महापुरुष उपस्थित रहे।