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अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर निंरजनी अखाड़ें में संतों ने किया कन्या पूजन

विक्की सैनी

महिला उत्थान में संत समाज निभा रहा है अग्रणी भूूमिका- स्वामी कैलाशानंद गिरी

हरिद्वार, 8 मार्च। अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर तपोनिधि पंचायती अखाड़ा श्री निरंजनी में अखाड़े के आचार्य महाण्डलेश्वर स्वामी कैलाशानंद गिरी, आनन्द पीठाधीश्वर आचार्य महामण्डलेश्वर स्वामी बालकांनद गिरी, अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष श्रीमहंत नरेंद्र गिरी व निंरजनी अखाड़े के सचिव व कुंभ मेला प्रभारी श्रीमहंत रविन्द्रपुरी महाराज व श्रीमहंत रामरतन गिरी सहित अखाड़े के संतों ने कन्यापूजन कर सभी को महिला दिवस की बधाई दी। कन्या पूजन में कुंभ मेला आईजी संजय गुंज्याल भी शामिल हुए। निंरजन पीठाधीश्वर स्वामी कैलाशानंद गिरी महाराज व आनन्द पीठाधीश्वर स्वामी बालकानंद गिरी महाराज ने कहा कि सनातन धर्म में कन्याओं को देवी स्वरूपा माना गया है। तमाम हिन्दू धर्म शास्त्रों में स्पष्ट रूप से उल्लेखित है कि जहां महिलाओं की पूजा होती हैं वहां देवी देवता वास करते हैं। अखाड़ा परिषद अध्यक्ष श्रीमहंत नरेंद्र गिरी महाराज ने कहा कि धर्म क्षेत्र में महिलाओं को हमेशा विशिष्ट स्थान दिया गया है। संत परंपरा में भी महिलाओं को बराबरी का दर्जा व पूर्ण सम्मान दिया जाता है। निरंजनी अखाड़े के सचिव श्रीमहंत रविन्द्रपुरी महाराज ने कहा कि संत परंपरा का पालन करते हुए कन्याओं का देवी स्वरूप में पूजन किया गया है। अखाड़े के रमता पंचों के नगर प्रवेश के दौरान भी सबसे पहले कन्या पूजन किया गया था। उन्होंने युवा वर्ग से अपील करते हुए कहा कि महिलाओं का सम्मान व उनकी रक्षा करें। उन्होंने कहा कि केंद्र एवं राज्य सरकारों को महिला सशक्तिकरण को बढ़ावा देने के लिए और अधिक कारगर कदम उठाने चाहिए। बालक बालिकाओं को शिक्षा व उन्नति के समान अवसर मिलने चाहिए। संत समाज लगातार महिलाओं के उत्थान में अपना योगदान देता चला आ रहा है। आदि अनादि काल से कन्याओं को देवी का स्वरूप मानकर पूजा जाता है। अखाड़े के सचिव श्रीमहंत रामरतन गिरी महाराज ने कहा कि महिलाओं का अनादर पूरे समाज का अनादर है। सभी को महिलाओं के सम्मान की रक्षा के लिए सदैव तत्पर रहना चाहिए। कुंभ मेला आईजी संजय गुंज्याल ने कहा कि अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर निरंजनी अखाड़े ने कन्या पूजन कर मिसाल कायम की है। कुंभ मेले के अवसर पर किए गए कन्या पूजन में उन्हें भी देवी स्वरूपा कन्याओं का आशीर्वाद प्राप्त हुआ। यह अवसर हमें सिखाता है कि सभी को महिलाओं के प्रति आदर भाव रखना होगा। महाशिवरात्रि होने वाले शाही स्नान के संबंध में उन्होंने कहा कि अखाड़ों, गंगा सभा, तीर्थ पुरोहितों व व्यापारिक संगठनों से समन्वय स्थापित कर स्नान को दिव्य व भव्य रूप में संपन्न कराया जाएगा।

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