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सहस्त्र गुणा पुण्य फलदायी होती है शिव आराधना-स्वामी कैलाशानंद गिरी

हरिद्वार, 14 अगस्त। श्री दक्षिण काली मंदिर में पूरे श्रावण मास चलने वाली निरंजन पीठाधीश्वर आचार्य महामण्डलेश्वर स्वामी कैलाशानंद गिरी महाराज की शिव आराधना अनवरत् रूप से जारी है। शनिवार को संघ प्रचारक पदम सिंह ने स्वामी कैलाशानंद गिरी महाराज के सानिध्य में भगवान शिव की पूजा अर्चना कर मानव कल्याण की कामना की। इस दौरान श्रद्धालु भक्तों को संबोधित करते हुए स्वामी कैलाशानंद गिरी महाराज ने कहा कि भगवान शिव को सावन का महीना अत्यन्त प्रिय है। सावन में भगवान शिव की आराधना का विशेष महत्व है। श्रावण में की गयी देवों के देव महादेव भगवान शिव की आराधना व पूजा अर्चना सहस्त्र गुणा पुण्य फलदाई होती है। दयालु एवं कृपालु भगवान शिव भक्तों की सूक्ष्म आराधना से ही प्रसन्न हो जाते है और मनवांछित फल प्रदान करते हैं। पौराणिक श्री दक्षिण काली मंदिर में मां भगवती के साथ भगवान शिव भी साक्षात रूप से विराजमान हैं। शिव भक्तों को माता पर्वती की आराधना भी अवश्य करनी चाहिए। शिव शक्ति की सम्मिलित कृपा व आशीर्वाद से साधक की उन्नति के द्वार स्वतः खुल जाते हैं। कार्यक्षेत्र में सफलता और उच्च पद की प्राप्ति है। परिवार में सुख समृद्धि का वास होता है। सावन में सभी श्रद्धालुओं को विधि विधान से भगवान शिव का जलाभिषेक अवश्य करना चाहिए। विश्व कल्याण की कामना करते हुए संघ प्रचारक पदम सिंह ने कहा कि वर्तमान में पूरी दुनिया कोरोना महामारी से पीड़ित है। तमाम व्याधियों व कष्टों को हरने वाले भगवान शिव की कृपा से महामारी जल्द ही समाप्त होगी। उन्होंने कहा कि नियमित रूप से भगवान शिव की आराधना व पूजा अर्चना करें और साथ ही सरकार के दिशा निर्देशों का पालन करते हुए कोरोना महामारी को समाप्त करने में सहयोग करें। इस दौरान आचार्य पवनदत्त मिश्र, लाल बाबा, पंडित प्रमोद पाण्डे, अवंतिकानंद ब्रह्मचारी, कृष्णानंद ब्रह्मचारी, बालमुकुंदानंद ब्रह्मचारी, समाजसेवी संजय जैन आदि उपस्थित रहे।

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