राकेश वालिया
हरिद्वार, 2 दिसंबर। कैलाश मठ के पीठाधीश्वर म.म.स्वामी संविदानंद सरस्वती महाराज ने कहा है कि पतित पावनी मां गंगा जग की पालनहार है। जो युगों युगों से अविरल व निर्मल बहकर प्राणीमात्र का उद्धार करती चली आ रही है। मां गंगा की स्वच्छता व अविरलता बनाए रखना सभी देशवासियों का कर्तव्य है। भगवान गणेश की आरती कर महाकुंभ मेले के सकुशल संपन्न होने की कामना करते हुए स्वामी संविदानंद सरस्वती महाराज ने कहा कि कुंभ मेले से पूर्व गंगा घाटों की समस्त दीवारों पर धार्मिक चित्रकारी की जाए। जिससे कुंभ के दौरान स्नान करने वाले श्रद्धालु यात्रीयों में सकारात्मक धार्मिक ऊर्जा का संचार हो। स्वामी संविदानंद सरस्वती महाराज ने कहा कि हरिद्वार कुंभ मेले की व्यवस्था प्रयागराज कुंभ मेले की तर्ज पर की जाए। कुंभ मेला सनातन संस्कृति व धार्मिक ऊर्जा का केंद्र बिन्दु है। मां गंगा की स्वच्छता, अविरलता को लेकर राज्य एवं केंद्र सरकारों को कुंभ मेले से पूर्व युद्धस्तर पर सफाई अभियान संचालित करने चाहिए। केंद्र सरकार लगातार अनेकों योजनाओं से गंगा को प्रदूषण मुक्ति की योजनाओं को संचालित कर रही है। योजनाओं पर धरातल पर काम किया जाना चाहिए। लाखों करोड़ों सनातन प्रेमी कुंभ मेले में स्नान ध्यान करने के लिए पहुंचते हैं। ऐसे में गंगा के प्रदूषण को मुक्त करना सभी की जिम्मेदारी बनती है। उन्होंने कहा कि मठ मंदिरों पौराणिक सिद्ध पीठों में मंशा देवी चण्डी देवी के अलावा आश्रम अखाड़ों की भव्यता को लेकर कुंभ मेला प्रशासन तेजी के साथ अपने कार्यो को अंजाम दे। धर्मनगरी की मान मर्यादाओं को ध्यान में रखकर ही योजनाएं चलायी जानी चाहिए। स्वामी संविदानंद सरस्वती ने कुंभ मेला प्रशासन से आह्वान किया कि धार्मिक मठ मंदिरों का सौन्दर्यकरण भव्य रूप से किया जाना चाहिए। हरकी पैड़ी की साज सज्जा विशेषतौर पर की जानी चाहिए। संत महापुरूषों के तप बल पर अवश्य ही कुंभ मेला सकुशल संपन्न होगा। उन्होंने धर्मनगरी के लोगों से भी अपील करते हुए कहा कि सरकार द्वारा दिए गए निर्देशों का पालन करते हुए कोरोना की इस जंग में अपना सहयोग प्रदान करें। केंद्र एवं राज्य के दिशा निर्देशों का पालन कर कोरोना संक्रमण को रोकने में सहयोग करें।