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भारतीय सनातन धर्म का गौरव है मां गंगा-जगद्गुरू स्वामी अधोक्षानन्द

हरिद्वार, 19 जून। जगद्गुरू शंकराचार्य स्वामी अधोक्षानन्द महाराज ने कहा है कि मां गंगा करोड़ों श्रद्धालुओं की आस्था का केंद्र व भारतीय सनातन धर्म का गौरव है। पतित पावनी मां गंगा के जल में स्नान व आचमन करने से व्यक्ति समस्त पापों से मुक्त हो जाता है। बैरागी कैंप स्थित श्रीपंच निर्मोही अनी अखाड़े में पधारे जगद्गुरू शंकराचार्य स्वामी अधोक्षानन्द महाराज ने श्रद्धालु भक्तों को गंगा दशहरे की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि गंगा मानव मात्र के उद्धार के लिए पृथ्वी पर अवतरित हुई है। गंगा दशहरे पर कोविड नियमों का पालन करते हुए श्रद्धालु गंगा स्नान कर देश दुनिया से कोरोना महामारी समाप्त करने के लिए प्रार्थना करें। उन्होंने कहा कि मां गंगा की कृपा से कोरोना महामारी समाप्त होगी। जनजीवन सामान्य होगा और देश दुनिया में फिर से खुशहाली आएगी। अखिल भारतीय श्रीपंच निर्मोही अखाड़े के अध्यक्ष श्रीमहंत राजेंद्रदास महाराज ने कहा कि भगवान शिव की जटाओं से निकलकर युगों युगों से पृथ्वी पर बह रही मां गंगा प्राणीयों का कल्याण कर रही है। लेकिन मानवीय भूलों के चलते गंगा में प्रदूषण बढ़ रहा है। गंगा को प्रदूषण मुक्त कर अविरल व निर्मल बनाने के लिए सभी को सहयोग करना चाहिए। उन्होंने कहा कि गंगा दशहरा गंगा स्नान कर पापों से निवृत होने के साथ गंगा के प्रति अपनी जिम्मेदारी को समझने का अवसर भी है। गंगा दशहरे पर स्नान के लिए आने वाले सभी श्रद्धालु गंगा को प्रदूषण मुक्त बनाने का संकल्प भी अवश्य लें। जनसहयोग से ही गंगा को स्वच्छ, निर्मल, अविरल बनाया जा सकता है। इसलिए गंगा स्नान के लिए आने वाले श्रद्धालु किसी भी प्रकार की गंदगी व कपड़े गंगा में ना डालें। दूसरों को भी गंगा की निर्मलता के प्रति प्रेरित करें। अखिल भारतीय श्रीपंच निर्मोही अखाड़े के सचिव श्रीमहंत रामजीदास एवं महंत गोविन्ददास महाराज ने कहा कि गंगा जल के दर्शन व आचमन करने मात्र से ही पापों से मुक्ति मिल जाती है। मां गंगा मोक्षदायिनी है। सभी देशवासियों का कर्तव्य है कि गंगा को प्रदूषण से मुक्त रखें। इस अवसर पर महंत शिवनाथ दास, महंत सतनाम दास, महंत अमित दास, महंत रामदास, महंत अगस्त दास, महंत रघुवीर दास, महंत बिहारी शरण, महंत सूरजदास, महंत प्रेमदास आदि संतजन मौजूद रहे।

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