विक्की सैनी
हरिद्वार, 22 जुलाई। जगन्नाथधाम के परमाध्यक्ष महंत अरूणदास महाराज ने कहा कि पतित पावनी मां गंगा जग की पालनहार है। जो युगों युगों से अविरल व निर्मल बहकर प्राणी मात्र का उद्धार करती चली आ रही है। मां गंगा को स्वच्छ व निर्मल बनाए रखना सभी भारतवासियों का कर्तव्य है। क्योंकि मां गंगा के आचमन मात्र से ही व्यक्ति को मोक्ष की प्राप्ति होती है और उसके जन्मजन्मांतर के पापों का शमन हो जाता है। महंत अरूणदास महाराज ने कहा कि पौराणिक काल से ही हिन्दू धर्म में मां गंगा को देवी का स्वरूप माना गया है। प्राणीमात्र को गंगा की अविरलता व स्वच्छता को लेकर अपनी सहभागिता निभानी चाहिए। उन्होंने कहा कि देश दुनिया के श्रद्धालु भक्त मां गंगा का आचमन करने के लिए पहुंचते हैं। मां गंगा अपने भक्तों को प्रसन्न होकर मनवांछित फल प्रदान करती है। उन्होंने कहा कि सरकारों को गंगा स्वच्छता अभियान को लेकर चल रही योजनाओं को धरातल पर संचालित करना चाहिए। मां गंगा को प्रदूषण मुक्त बनाने के लिए योजनाएं प्रभावी रूप से लागू हों।
महंत अरूणदास महाराज ने बताया कि ब्रह्मलीन जगद्गुरू रामानंदाचार्य स्वामी हंसदेवाचार्य महाराज की प्रेरणा से लाॅकडान के चलते प्रतिदिन जगन्नाथधाम आश्रम द्वारा गरीब असहायों के लिए अन्न क्षेत्र चलाया जा रहा है। जिसमें प्रतिदिन सैकड़ों गरीब लोग व साधु संत भोजन करते हैं। पांच माह से अनवरत् रूप से जारी अन्न क्षेत्र के माध्यम से लोगों की सेवा की जा रही है। आगे भी जगन्नाथ धाम द्वारा सेवा के प्रकल्प जारी रहेंगे। उन्होंने कहा कि लाॅकडाउन के चलते गरीब, असहाय लोगों के सामने भोजन का संकट गहरा गया है। संकट की इस घड़ी में सभी को मिलजुल कर समाजसेवा के लिए आगे आना चाहिए। संत समाज लगातार सेवा प्रकल्पों के माध्यम से गरीब लोगों की सहायता करने में जुटा हुआ है और संतों का संपूर्ण जीवन परमार्थ के लिए ही समर्पित होता है। इस दौरान महंत लोकेश दास, महंत गुरमाल सिंह, मास्टर रामनारायण, अशोक लूथरा, अक्षय मिगलानी, मन्नु चावला, पंडित जगदीश पांडे आदि उपस्थित रहे।