Dharm Uncategorized

बाबा प्रेमसिंह भूरी वाले के खिलाफ धोखाधड़ी का मुकद्मा दर्ज

विक्की सैनी

संत का चोला पहने भूमाफिया कर रहे संत समाज की छवि खराब-महंत जसविन्दर सिंह
हरिद्वार, 3 जुलाई। दस्तावेजों में कूटरचना कर धोखाधड़ी से श्री पंचायती अखाड़ा निर्मल की एक्कड़ कलां शाखा की भूमि कब्जाने के प्रयास के मामले में बाबा कश्मीर सिंह भूरी वाले के शिष्य बाबा प्रेमसिंह भूरी वाले के खिलाफ पथरी थाने में मुकद्मा दर्ज किया गया है। श्री निर्मल पंचायती अखाड़े में पत्रकारों को जानकारी देते हुए अखाड़े के कोठारी महंत जसविन्दर सिंह महाराज ने बताया कि बाबा कश्मीर सिंह भूरी वाले गुट से जुड़े असामाजिक तत्व अखाड़े की संपत्ति पर अवैध रूप से कब्जा करने की फिराक में लगे हुए हैं। बाबा कश्मीर सिंह भूरी वाले के शिष्य बाबा प्रेमसिंह भूरी वाले ने कुछ अन्य लोगों के साथ मिलकर दस्तावेजों में कूट रचना कर अखाड़े की एक्कड़ कलां शाखा की 12 सौ बीघा भूमि अपने नाम कराने का प्रयास किया था। इस संबंध में अखाड़े की ओर से पुलिस व संबंधित विभागों में शिकायत दर्ज करायी गयी थी। अखाड़े द्वारा दर्ज करायी गयी शिकायत की जांच के बाद पथरी थाने में इस संबंध में धोखाधड़ी की धाराओं में मुकद्मा दर्ज किया गया है। उन्होंने कहा कि बाबा कश्मीर सिंह वाले गुट से जुड़े असामाजिक तत्व इसके पूर्व फर्जी प्रस्तावों के जरिए अखाड़े के श्रीमहंत पद पर कब्जा करने का प्रयास भी कर चुके हैं। इस संबंध में हाल ही में कनखल पुलिस ने मुकद्मा दर्ज किया है। उन्होंने कहा कि बाबा कश्मीर सिंह भूरी वाला गुट लगातार अखाड़े के खिलाफ गतिविधियों को अंजाम दे रहा है।

जिसे कतई कामयाब नहीं होने दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि संत का चोला पहने भूमाफिया पूरे संत समाज की छवि खराब कर रहे हैं। अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद से संत के चोले में आपराधिक गतिविधियों को अंजाम दे रहे बाबा कश्मीर सिंह भूरी वाले गुट के खिलाफ कार्रवाई की मांग भी की जाएगी। अगले वर्ष हरिद्वार में महाकुंभ मेला संपन्न होना है। ऐसे में मादक पदार्थो की तस्करी, अखाड़ों की संपत्ति कब्जाने जैसी गतिविधियों में शामिल तथाकथित संतों के खिलाफ पहले से ही सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए। ताकि ऐसे शरारती तत्व महाकुंभ जैस विशाल आयोजन में कोई विघ्न ना डाल पाएं। इस दौरान संत तलविंदर सिंह, संत जनरैल सिंह, महंत सतनाम सिंह, महंत अमनदीप सिंह, महंत खेमसिंह, संत सुखमन सिंह, संत सिमरन सिंह, संत सुखदेव सिंह, संत सोहन सिंह, संत रामस्वरूप सिंह, संत अमनदीप सिंह आदि मौजूद रहे।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *