Dharm

सनातन धर्म में सर्वोपरि है गुरू का स्थान-श्रीमहंत ज्ञानदेव सिंह

हरिद्वार, 2 मई। श्री पंचायती अखाड़ा निर्मल में महंत रणवीर सिंह महाराज पटियाला वाले के गुरुजनों की स्मृति में गुरु ग्रंथ साहिब का अखंड पाठ आयोजित किया गया और गुरु स्मृति पर्व मनाया गया। इस दौरान श्रद्धालु संगत को संबोधित करते हुए श्री पंचायती अखाड़ा निर्मल के अध्यक्ष श्रीमहंत ज्ञानदेव सिंह महाराज ने कहा कि सनातन धर्म में गुरु का स्थान सर्वोपरि है। जो अपने शिष्य को ज्ञान की प्रेरणा देकर उसके कल्याण का मार्ग प्रशस्त करते हैं। प्रत्येक व्यक्ति को अपने गुरु के बताए मार्ग का अनुसरण करना चाहिए। तभी उसका कल्याण संभव है। कोठारी महंत जसविंदर सिंह महाराज ने कहा कि गुरु बिना ज्ञान की प्राप्ति असंभव है। जिस व्यक्ति के जीवन में गुरु की कमी होती है। वह कभी सफल नहीं हो सकता। गुरु ही व्यक्ति का सच्चा मार्गदर्शक होता है। जो उसका संरक्षण कर उसे भवसागर से पार लगाता है। सभी को अपने गुरुओं की सेवा करते हुए अपने जीवन को सफल बनाना चाहिए। महंत रणवीर सिंह महाराज ने कहा कि जिस व्यक्ति को गुरु की शरण मिल जाए। उसका कल्याण अवश्य ही निश्चित है। क्योंकि गुरु ही साक्षात परमात्मा का दूसरा स्वरूप है। जो व्यक्ति को सांसारिक मोह माया का त्याग कर उसे सच्चाई का बोध कराता है। स्वामी नलिनानन्द महाराज ने कहा कि गुरु से प्राप्त ज्ञान को अपने आत्म कल्याण में लगाकर राष्ट्र उत्थान के लिए सभी को समर्पित रहना चाहिए। क्योंकि परोपकार को समर्पित रहने वाले संतों का जीवन राष्ट्र की एकता अखंडता बनाए रखने के लिए ही तत्पर है। श्री पंचायती अखाड़ा निर्मल अपने सेवा प्रकल्प द्वारा समाज सेवा का जो संदेश दे रहा है। वह सराहनीय है। इस अवसर पर महंत जसवीर सिंह, महंत तेजा सिंह, महंत हरभजन सिंह, महंत आशा सिंह, महंत अमनदीप सिंह, महंत खेम सिंह, महंत हरजोत सिंह, महंत निर्भय सिंह, संत सुखमण सिंह, संत जसकरण सिंह, संत तलविंदर सिंह, संत रवि सिंह, महंत गुरमीत सिंह, महंत मोहन सिंह, महंत तीरथ सिंह सहित बड़ी संख्या में संत महंत उपस्थित रहे।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *