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अखाड़े की गौरवशाली परंपराएं विश्व विख्यात है-स्वामी कैलाशानंद गिरी

बैरागी संतों ने की श्री दक्षिण काली मंदिर में पूजा

मां चंडी देवी मंदिर से लौटते समय तीनों वैष्णव अखाड़ों के संतों का निरंजन पीठाधीश्वर आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी कैलाशानंद गिरी महाराज ने नीलधारा तट स्थित श्री दक्षिण काली मंदिर में स्वागत अभिनंदन किया। सभी अखाड़ों ने श्री दक्षिण काली मंदिर में भी पूजा अर्चना की ओर मां का आशीर्वाद लिया। इस दौरान स्वामी कैलाशानंद गिरी महाराज ने कहा कि अखाड़े की गौरवशाली परंपराएं विश्व विख्यात है और भारत प्राचीन काल से ही गुरु शिष्य परंपराओं का केंद्र रहा है। उन्होंने कहा कि संत महापुरुष सदैव ही अपने भक्तों को ज्ञान की प्रेरणा देकर उनके कल्याण का मार्ग प्रशस्त करते हैं। कुंभ मेले में आने वाले सनातन प्रेमी संतों की वाणी और उनके तपोबल से अभिभूत होकर सनातन धर्म को अपनाते हैं और धर्म के प्रति उनकी आस्था और ज्यादा गहरी होती है। उन्होंने कहा कि धर्म के संरक्षण संवर्धन में संत समाज सदैव ही अपनी अहम भूमिका निभाता आ रहा है। कुंभ मेला विश्व का सबसे बड़ा धार्मिक आयोजन है। जो पूरी दुनिया को धर्म का सकारात्मक संदेश प्रदान करता है। मां काली की कृपा से कुंभ का आयोजन भव्य होगा और मेला सभी के सहयोग से ऐतिहासिक रूप से संपन्न होगा।

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