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देवी-देवताओं को जातियों में बांटकर देखना कतई उचित नहीं है।- श्रीमहंत नरेंद्र गिरी

राकेश वालिया

हरिद्वार, 10 अगस्त। अयोध्या में भव्य राम मंदिर के शिलान्यास के बाद महर्षि परशुराम की विशाल प्रतिमा लगाये जाने को लेकर हो रही सियासत पर अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद ने कड़ी नाराजगी जतायी है। साधु संतों की सर्वोच्च संस्था अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद ने देवी-देवताओं, ऋषियों -मुनियों और अवतारी महापुरुषों को जातियों में बांटे जाने को गलत करार दिया है। अखाड़ा परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्रीमहंत नरेन्द्र गिरी महाराज ने कहा है कि यह सनातन धर्म और हिन्दू समाज को कमजोर करने की साजिश है। उन्होंने कहा है कि जो भी हमारे देवी देवता हुए हैं वे सभी के आराध्य हैं। इसलिए उन्हें जातियों में बांटकर देखना कतई उचित नहीं है। उन्होंने किसी राजनीतिक दल का नाम लिए बगैर कहा है कि जहां तक बात महर्षि परशुराम की है तो वे भी भगवान विष्णु के ही अवतार हैं। अखाड़ा परिषद अध्यक्ष श्रीमहंत नरेन्द्र गिरी महाराज ने लोगों से अपील की है कि वे समाज को तोड़ने वाली ताकतों के बहकावे में कतई न आये। उन्होंने लोगों से अपील की है कि देश और समाज को बांटने वाली ताकतों का सभी एकजुट होकर विरोध करें। ताकि सनातन परम्परा की एकता और अखण्डता बनी रहे। उन्होंने कहा है कि अखाड़ा परिषद सनातन समाज को बांटने वाली ताकतों का पुरजोर विरोध करेगा और समाज में एक अभियान भी चलायेगा ताकि लोगों को ऐसी विघटनकारी ताकतों के प्रति सचेत किया जा सके। श्रीमहंत नरेन्द्र गिरी महाराज ने कहा है कि पांच सौ वर्षों के बाद सनातन धर्म की सबसे बड़ी जीत हुई और अयोध्या में मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान राम का भव्य मंदिर बनने जा रहा है। इस फैसले से देश ही नहीं पूरे विश्व के सनातन धर्मावलम्बियों में उत्साह भी है। लेकिन ऐसा लग रहा है कि कुछ लोगों को यह उपलब्धि भी रास नहीं आ रही है। जब जब पृथ्वी पर अधर्म होता है तो भगवान किसी ना किसी रूप में अवतार लेते हैं। भगवान के नाम पर औछी राजनीति नहीं करनी चाहिए। भगवान श्रीराम की शक्ति से ही यह संसार चल रहा है। जिसके चलते हिन्दू देवी-देवताओं और ऋषियों मुनियों को जाति-पांति में बांटकर सियासी रोटियां सेंकने का सपना देख रहे हैं। श्रीमहंत नरेन्द्र गिरी महाराज ने कहा है कि ऐसी सभी ताकतों जो कि हिन्दू समाज को कमजोर करने की कोशिश करेंगी, अखाड़ा परिषद उन्हें मुंहतोड़ जवाब देने के लिए हमेशा तैयार है।

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