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देवस्थानम बोर्ड भंग कर सीएम ने दिखाया बड़ा दिल-श्रीमहंत रविंद्रपुरी

हरिद्वार, 30 नवम्बर। अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं माँ मनसा देवी मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष श्रीमहंत रविंद्र पुरी महाराज ने देवस्थानम बोर्ड निरस्त करने की घोषणा करने पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का आभार जताते हुए उन्हें साधुवाद दिया है। देवस्थानम् बोर्ड भंग करने की घोषणा का स्वागत करते हुए संतों ने निरंजनी अखाड़े में मिठाई बांटकर हर्ष जताया। पंचायती अखाड़ा श्री निरंजनी में पत्रकारों से बातचीत करते हुए अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष श्रीमहंत रविंद्रपुरी महाराज ने कहा कि आज का दिन संत समाज और तीर्थ पुरोहितों के लिए बहुत खास है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने देवस्थानम बोर्ड को भंग कर बड़ा दिल दिखाया है। उन्होंने कहा कि देवस्थानम् बोर्ड भंग करने के मुद्दे पर अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद की सरकार से वार्ता के दौरान मुख्यमंत्री ने जल्द से जल्द सकारात्मक कदम उठाने का आश्वासन दिया था। जिस पर अखाड़ा परिषद ने लोगों से धैर्य रखकर सरकार को थोड़ा समय देने की अपील भी की गई थी। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कृषि कानून और मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने जिस तरह से देवस्थानम बोर्ड को भंग किया है। उससे भाजपा को बहुत लाभ होगा। सभी तीर्थ पुरोहित व संत समाज भाजपा का समर्थन करेंगे। उन्होंने कहा कि भाजपा जो बोलती है वो करती है। भाजपा ने कहा था कि बोर्ड भंग होगा। वह आज हो गया है। आगामी चुनाव में भाजपा को इससे फायदा होगा। इस अवसर पर श्रीमहंत राकेश गिरी, श्रीमहंत उमेश भारती, दिगंबर विनोद गिरी, रामचंद्र पुरी, अर्जुन पुरी, शैलेश बन, चेतन गिरी, महेश गिरी, सुरेश गिरी, आशुतोष पुरी, मनोज मंत्री आदि उपस्थित रहे।
निरंजन पीठाधीश्वर आचार्य महामण्डलेश्वर स्वामी कैलाशानंद गिरी महाराज ने कहा कि मुख्यमंत्री के देवस्थानम् बोर्ड भंग करने की घोषणा से समस्त संत समाज, तीर्थ पुरोहित व मठ मंदिरों की व्यवस्था से जुड़े से सभी लोगों में हर्ष की लहर है। उन्होंने कहा कि देवस्थानम् बोर्ड भंग कराने के लिए संत समाज लगातार प्रयासरत था। मुख्यमंत्री ने संतों व पुरोहितों की भावना का सम्मान करते हुए उचित निर्णय किया। ऐतिहासिक निर्णय लेने के लिए प्रदेश सरकार व मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी बधाई के पात्र हैं।
जूना अखाड़े के महंत देवानंद सरस्वती महाराज ने कहा कि सरकार का निर्णय सराहनीय है। भविष्य में मठ मंदिरों का अधिग्रहण ना हो और अधिग्रहित मंदिरों को मुक्त किया जाए। संत समाज को आशा है कि तीर्थो का विकास कर रही मोदी सरकार इस विषय में भी पहल करते हुए सकारात्मक कदम उठाएगी।

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