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त्याग एवं तपस्या की प्रतिमूर्ति थे ब्रह्मलीन स्वामी महादेव महाराज-स्वामी ऋषिश्वरानन्द


हरिद्वार, 15 सितम्बर। चेतन ज्योति आश्रम के परमाध्यक्ष स्वामी ऋषिश्वरानन्द महाराज ने कहा कि देश की एकता अखंडता बनाए रखने में संत महापुरुषों की अहम भूमिका है और गुरु शिष्य परंपरा अनादि काल से भारत को विश्व भर में गौरवान्वित कर रही है। गरीबदासी आश्रम में आयोजित ब्रह्मलीन महामंडलेश्वर स्वामी श्यामसुंदर दास शास्त्री महाराज एवं जय मां मिशन के संस्थापक ब्रह्मलीन महामंडलेश्वर स्वामी महादेव महाराज के श्रद्धांजलि समारोह को संबोधित करते हुए स्वामी ऋषिश्वरानंद महाराज ने कहा कि ब्रह्मलीन स्वामी श्यामसुंदर दास शास्त्री एवं ब्रह्मलीन महादेव महाराज तपस्वी संत थे। जिन्होंने जीवन पर्यंत सनातन परंपराओं का निर्वहन करते हुए राष्ट्र को हमेशा उन्नति की ओर अग्रसर किया। उन्होंने कहा कि त्याग एवं तपस्या की प्रतिमूर्ति जय मां मिशन के संस्थापक ब्रह्मलीन महामंडलेश्वर स्वामी महादेव महाराज ब्रह्मलीन स्वामी श्यामसुंदर दास शास्त्री को गुरूतुल्य मानते थे। संत समाज दोनों महापुरूषों को नमन करता है। जय मां मिशन की साध्वी शरण ज्योति मां एवं जीवन ज्योति मां ने कहा कि ब्रह्मलीन स्वामी महादेव महाराज ब्रह्मलीन स्वामी श्यामसुंदरदास महाराज की शिक्षाओं से बेहद प्रभावित थे। उन्होंने धर्म के साथ-साथ शिक्षा और चिकित्सा के क्षेत्र में भी जय मां मिशन की संस्थाओं का विस्तार किया और लंगर सेवा प्रारंभ कर गरीब असहाय लोगों के लिए अनेक सेवा प्रकल्प चलाए। स्वामी रविदेव शास्त्री महाराज ने कहा कि ब्रह्मलीन स्वामी श्यामसुंदरदास शास्त्री महाराज एवं ब्रह्मलीन स्वामी महादेव महाराज दिव्य पुण्यात्मा थे। ब्रह्मलीन स्वामी महादेव के दिखाए मार्ग का अनुसरण करते हुए मिशन की साध्वीयां उनके अधूरे कार्यों को पूर्ण कर रही हैं। इस दौरान पूर्व पालिका अध्यक्ष सतपाल ब्रह्मचारी, स्वामी ऋषि रामकृष्ण, साध्वी जीवन ज्योति मां, साध्वी पूजा ज्योति मां, साध्वी दिव्य ज्योति मां, महंत सुतीक्षण मुनि, स्वामी हरिहरानंद, स्वामी दिनेश दास, श्रीमती अमृतकौर, जगदीश चावला, अशोक क्षेत्रपाल सहित कई संत महापुरुष उपस्थित रहे।

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