विक्की सैनी
हरिद्वार, 2 जुलाई। जूना अखाड़े के अंतर्राष्ट्रीय संगठन मंत्री श्रीमहंत स्वामी विनोद गिरी महाराज ने बंदरों को मारने के उत्तराखण्ड सरकार के प्रस्ताव पर कड़ा ऐतराज जताया है। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड राज्य ने बंदरों को वन क्षेत्र से बाहर वन्यजीव घोषित किए जाने का प्रस्ताव भारत सरकार को भेजा है। सोमवार को हुई राज्य वन्यजीव बोर्ड की बैठक में भी बंदरों की बढ़ती संख्या और उससे हो रहे नुकसान का विषय आया। इस पर बोर्ड को यह जानकारी दी गई कि इस संबंध में भारत सरकार को प्रस्ताव भेजा गया है। उन्होंने कहा कि सनातन धर्म में बंदरों को बजरंग बली हनुमान का स्वरूप समझकर पूजा जाता है। सरकार जीव जन्तुओं के संरक्षण व संवर्द्धन की बात करती है। ऐसे में शहरी क्षेत्र में प्रवेश करने वाले बंदरों की हत्या करना कहीं से भी उचित नजर नहीं आता है। ऐसे आदेशों की जितनी भी निंदा की जाए उतना कम है। उत्तराखण्ड प्रदेश जीव जन्तुओं का प्रदेश है। अनेकों प्रजाति के पशु पक्षी जीव जन्तु का दीदार करने के लिए देश भर से सैलानी उत्तराखण्ड में आते हैं। मानव जीवन का गठजोड़ पशु पक्षीयों व जीव जन्तुओं से रहा है। बंदरों को किसी भी सूरत में मारने नहीं दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि इस प्रस्ताव को तुरंत वापस लिया जाए। वरना संत समाज किसी भी आंदोलन से पीछे हटने वाला नहीं है। जल्द ही एक प्रतिनिधि मण्डल राज्य के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत व राज्य के वन मंत्री डा.हरक सिंह रावत से विस्तृत चर्चा कर इस प्रस्ताव को स्थगित करने की मांग करेगा। उन्होंने कहा कि ऐसे प्रस्ताव को कतई स्वीकार नहीं किया जाएगा और संत समाज इसका जमकर विरोध करेगा।