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अखाड़ा परिषद अध्यक्ष श्रीमहंत रविन्द्रपुरी महाराज ने किया कन्या पूजन

हरिद्वार, 10 अप्रैल। नवरात्रि पर्व की नवमी पर कनखल स्थित श्री पंचायती अखाड़ा महानिर्वाणी में हवन यज्ञ कर विश्व कल्याण की कामना की गई एवं 51 कन्याओं का पूजन कर माता की चुनरी भेंट की गई और संतों ने देवी स्वरूपा कन्याओं से आशीर्वाद लिया। इस दौरान श्रद्धालु भक्तों को संबोधित करते हुए अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष एवं महानिर्वाणी अखाड़े के सचिव श्रीमहंत रविंद्रपुरी महाराज ने कहा कि आसुरी शक्तियों के विनाश के लिए मां भगवती का अवतरण हुआ। मां जगदंबा अपने भक्तों की रक्षा कर उन्हें सुख समृद्धि प्रदान करती है। जो श्रद्धालु भक्त मां की शरण में आ जाता है। उसका कल्याण अवश्य ही निश्चित है। श्रीमहंत रविन्द्रपुरी महाराज ने कहा कि मठ मंदिर अखाड़े अपनी परंपरा के अनुसार भारत की आध्यात्मिक चेतना को एक सूत्र में बांधते आए हैं। सनातन परंपरा को प्रत्येक व्यक्ति में जागृत करना संत समाज का उद्देश्य है। भारत के पुनर्जागरण एवं आध्यात्मिक उत्थान में संत महापुरुषों का बहुत अहम योगदान है और इसी वजह से भारत पूरे विश्व में एक अलग स्थान रखता है। नवरात्रि पर्व दुर्गा पूजा के साथ अपने उत्कर्ष को प्राप्त होती है। इस दिन किया गया कन्या पूजन सहस्त्र गुना पुण्य फलदाई होता है जो कभी निष्फल नहीं जाता। व्यक्ति को अलौकिक ऊर्जा के साथ सुख समृद्धि की भी प्राप्ति होती है। उन्होंने कहा कि रामनवमी के इस पावन पर्व पर सभी को एक आदर्श पूर्ण जीवन व्यतीत करने का संकल्प लेना चाहिए। मर्यादा, करूणा, सौम्यता, दया और विनम्रता के अवतार भगवान राम शक्ति को लोकहित में प्रयोग करना ही अपना धर्म मानते थे और उनके नाम में इतनी उर्जा और चेतना है कि पत्थर भी पानी में तैरने लगते हैं। उनका आदर्श पूर्ण जीवन सभी को प्रेरणा देता है। आज समाज में फैली बेटा बेटी में भेदभाव की कुरीति को समाप्त करने का संकल्प वास्तव में सभी को लेना चाहिए। बेटियां मां का साक्षात अवतार हैं और प्रत्येक क्षेत्र में बढ़-चढ़कर देश का नाम रोशन कर रही है। जो भारत के लिए गर्व की बात है। अज्ञानता के कारण समाज में फैली इन कुरीतियों को दूर कर समाज को ऊपर उठना होगा तभी एक सशक्त राष्ट्र निर्माण हो सकता है।

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