आश्रम को कब्जाने की नियत से किसी भी घटना को अंजाम दे सकते हैं असमाजिक तत्व- साध्वी आनंद ज्योति
धार्मिक संपत्तियों की सुरक्षा सुनिश्चित करें शासन-प्रशासन- योगी सत्यव्रतानंद
हरिद्वार 30 जनवरी। खाटू श्याम मंदिर (आश्रम) की अध्यक्ष साध्वी मां आनंद ज्योति महाराज ने अपनी जान का खतरा बताते हुए शासन प्रशासन से सुरक्षा की गुहार लगाई है। प्रेस को जारी बयान में साध्वी आनंद ज्योति महाराज ने बताया कि वर्ष 2003 में उनके द्वारा खाटू श्याम परिवार समिति के नाम से मंदिर (आश्रम) का निर्माण किया गया। जिसका कार्य अभी भी गतिमान है। उनकी आयु बढ़ने से डायबिटीज एवं कैंसर की बीमारी से वह पीड़ित है। कुछ समय पूर्व सरोजिनी गिरी नाम की एक महिला की साध्वी के रूप में उनसे मुलाकात हुई और उनका आश्रम में आना-जाना प्रारंभ हुआ। उन्होंने आरोप लगाया कि इसी दौरान उनकी बीमारी एवं वृद्धावस्था का लाभ उठाकर सरोजनी गिरी द्वारा उनके फर्जी हस्ताक्षर द्वारा फर्जी दस्तावेज बनाकर स्वयं को ट्रस्ट के अध्यक्ष पद पर नियुक्त कर लिया गया। जिसका पता लगने पर उन्होंने साध्वी सरोजनी गिरी को आश्रम से बाहर किया और उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई के लिए पुलिस से लिखित शिकायत की। तभी से साध्वी सरोजनी गिरी उनकी हत्या की साजिश रच रही है। बार-बार लगातार उनके आश्रम को कब्जाने की कोशिश की जा रही है। साध्वी सरोजनी गिरी द्वारा पहले भी बोधगया मठ बिहार, गुड़गांव और नोएडा आदि धार्मिक स्थानों पर विवाद पैदा कर कब्जा करने की कोशिश की गई है। शासन प्रशासन को ऐसे फर्जी संतों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए। ताकि समाज में विद्वेष पैदा ना हो। उन्होंने बताया कि वर्तमान में उनके साथ उनके शिष्य योगी सत्यव्रतानंद आश्रम का संचालन कर रहे हैं। और उनकी जान को भी खतरा है। असामाजिक तत्व आश्रम को कब्जाने की नियत से इर्द-गिर्द घूमते नजर आ रहे हैं। कभी भी किसी घटना को अंजाम दिया जा सकता है। साध्वी मां आनंद ज्योति के शिष्य योगी सत्यव्रतानंद महाराज ने बताया कि सरोजिनी गिरी भगवा चोले को पहन कर अमर्यादित कार्य कर रही है। उसके द्वारा लगातार खाटू श्याम मंदिर पर असामाजिक तत्व को लाकर मंदिर पर कब्जे का प्रयास किया गया है। लेकिन उसको हर बार विफल होना पड़ा है। हम शासन-प्रशासन से यह मांग करते हैं कि ऐसे असामाजिक तत्वों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए। ताकि किसी भी दुर्घटना को रोका जा सके। उन्होंने पुलिस प्रशासन से अपनी जान माल की रक्षा की गुहार लगाई है।