Haridwar

महाविद्यालय में शौर्य दीवार पर पुष्पांजलि कर किया वीर शहीदों का नमन

-कारगिल विजय दिवस बताया भारत की बढ़ती सामरिक क्षमता का प्रतीक
-एसएमजेएन पीजी काॅलेज में कारगिल दिवस के अवसर पर आयोजित हुआ कार्यक्रम
हरिद्वार। बुधवार को कारगिल दिवस के अवसर पर एसएमजेएन पीजी काॅलेज में आयोजित कार्यक्रम में भारतीय सेना और शहीदों के सम्मान में शौर्य दीवार पर देश के वीर शहीदों को नमन कर पुष्पांजलि अर्पित की गई। काॅलेज के प्राचार्य प्रो. सुनील कुमार बत्रा ने कारगिल दिवस को भारत की बढ़ती सामरिक क्षमता का प्रतीक बताया है।
काॅलेज परिसर में आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए प्रो. सुनील बत्रा ने कहा कि आज का दिन सीमा सशस्त्र बलों के वीरतापूर्ण प्रयासों और बलिदानों को याद करने का दिन है। कारगिल विजय दिवस भारत के शौर्य का प्रतीक है। यह दिन उन वीर सपूतों के लिए समर्पित है, जिन्होंने अपना आज हमारे कल के लिए बलिदान कर दिया। कहा कि भारत वीर योद्धाओं की भूमि है। भारत ने हमेशा कड़ा संघर्ष कर देश की दुश्मनों से जनता की रक्षा की है, जिसका उदाहरण कारगिल युद्ध के रूप में देखा जा सकता है। कारगिल जैसी विषम भौगोलिक परिस्थिति में युद्ध लड़ना और जीतना निःसंदेह भारतीय सेना की शक्ति का परिचायक है। उन्होंने महाविद्यालय के छात्र-छात्राओं से आग्रह किया कि वे अधिक से अधिक सेना में अपनी सेवाएं देकर अपने और देश की तरक्की का मार्ग प्रशस्त करें। उन्होंने मंच से यह उदघोषणा की कारगिल युद्ध का नेतृत्व करने वाले जनरल वीपी मलिक की कारगिल विजय पर लिखित पुस्तक की हिंदी एवं अंग्रेजी भाषा में अलग-अलग प्रतियां महाविद्यालय पुस्तकालय में छात्र-छात्राओं के पठन-पाठन के लिए उपलब्ध कराई जाए। इस अवसर पर डॉ बत्रा ने माखनलाल चतुर्वेदी की कविता पुष्प की अभिलाषा भी सदन को सुनाई। इस अवसर पर अधिष्ठाता छात्र कल्याण डाॅ. संजय कुमार माहेश्वरी ने कहा कि आज शौर्य दिवस है, जो कारगिल विजय की याद दिलाता है। देश की सीमाओं की रक्षा को लेकर उत्तराखंड ने सदैव अपना योगदान दिया है। देश की संप्रभुता, एकता और अखंडता की सुरक्षा के लिए भारतीय सेना कभी भी अपने सर्वोच्च बलिदान देने से पीछे नहीं हटी। कारगिल विजय दिवस प्रकारांतर से भारतीय सेना के इसी मनोबल को संपुष्ट करता है। राजनीति विज्ञान विभागाध्यक्ष विनय थपलियाल ने कहा कि दुर्गम परिस्थितियों में भारतीय सेना की ओर से इस युद्ध का जीता जाना इस बात का प्रमाण है कि भारतीय सेना उच्च प्रशिक्षित और युद्ध कौशल में विश्व में सर्वश्रेष्ठ है। उन्होंने कारगिल युद्ध के बाद बनी सुब्रह्मण्यम समिति की सिफारिशों के महत्व को रेखांकित किया। इस मौके पर डाॅ. मन मोहन गुप्ता, प्रो. तेजवीर सिंह तोमर, प्रो. जगदीश चंद्र आर्य, डाॅ. सुषमा नयाल, वैभव बत्रा, डाॅ. विजय शर्मा, रिंकल गोयल, रिचा मिनोचा, डाॅ. आशा शर्मा, डाॅ. सरोज शर्मा, डाॅ. लता शर्मा, डाॅ. शिव कुमार चैहान, डाॅ. मोना शर्मा, डाॅ. रेणू सिंह, डाॅ. सुगंधा वर्मा, डाॅ. पूर्णिमा सुंद्रियाल, विनीत सक्सेना, मोहन चंद्र पांडेय, हेमवती, राजकुमार, संजीत कुमार, कैलाश चंद जोशी आदि मौजूद रहे। संचालन डाॅ. अमिता मल्होत्रा ने किया।

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