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माता पिता ही कलियुग में व्यक्ति के लिए साक्षात भगवान का रूप हैं- स्वामी सोमेश्वरानंद गिरि

राकेश वालिया
हरिद्वार 22 अक्टूबर। निरंजनी अखाड़े के वरिष्ठ म0म0 व शंकराचार्य आश्रम के परमाध्यक्ष म0म0 स्वामी सोमेश्वरानंद गिरि महाराज ने कहा है कि मां भगवती प्रधान प्रकृति, बुद्धितत्व की जननी तथा विकार रहित है जो अंधकार रूपी राक्षसों से रक्षा करने वाली तथा कल्याणकारी है और जो सदैव अपने भक्तों का कल्याण कर उन्हें समृद्धि से परिपूर्ण करती है। बैरागी कैम्प स्थित शंकराचार्य आश्रम में नवरात्र के छठे दिन श्रद्धालु भक्तों का मां की महिमा का रसपान कराते हुए उन्होंने कहा कि नवरात्र में नौ दिनों तक मां की अराधना करन वाले श्रद्धालु का जीवन सदैव खुशहाल रहता है। मां भगवती के निमित्त किये गये सभी संकल्प पूर्ण होते है जो कि मां दुर्गा ही आदि शक्ति है और उन्हीं से सारे विश्व का संचालन होता है। स्वामी सोमेश्वरानंद गिरि महाराज ने कहा कि देवी मां की शरण मंे आने वाला व्यक्ति ही इस संसार में सुख भोगकर अंत समय में बैकुण्ठ को प्राप्त होता है। क्योंकि संसारिक बंधनों से मुक्त करने वाली कल्याण रूपा मां भगवती ही जग की पालनकर्ता है। उन्होंने कहा कि वर्तमान समय में वृद्धजनों के प्रति बढ़ अत्याचारों पर सभी को जागरूक होने की आवश्यकता है। माता पिता ही कलियुग में व्यक्ति के लिए साक्षात भगवान का रूप हैं जो जीवन भर अपने बच्चों का पालन पोषण कर उन्हें सफलता दिलाने में पूर्ण प्रयासरत रहते हैं। माता पिता के चरणों में ही व्यक्ति को स्वर्ग की प्राप्ति होती है। जो व्यक्ति अपने माता पिता की सेवा सच्चे मन से करता है मां भगवती उनसे सदैव प्रसन्न रहती है और मां के आशीर्वाद से उन्हें जीवन में सभी कार्यो में सफलतायें प्राप्त होती है।

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