राकेश वालिया
हरिद्वार, 8 सितम्बर। भारतीय किसान यूनियन अंबावता के राष्ट्रीय अध्यक्ष ऋषिपाल अंबावता ने प्रैस को जारी बयान में कहा कि केंद्र व प्रदेश सरकार की किसान विरोधी नीतियों के खिलाफ बड़े स्तर पर आंदोलन शुरू किया जा रहा है। ऋषिपाल अंबावता ने कहा कि देश का किसान तंगी से जूझ रहा है। कर्ज तले दबे किसानों की समस्याओं का कोई समाधान नहीं होना केंद्र व राज्य सरकारों की उदासीनता को दर्शा रहा है। उन्होंने कहा कि कर्ज से दबे किसान आत्महत्या करने को मजबूर है। चीनी मिलों पर बकाया गन्ना किसानों के बकाया भुगतान को लेकर भी सरकारें गंभीरता से कोई कार्य नहीं कर रही हैं। किसानों की उपज का सही मूल्य निर्धारित नहीं करना सरकार की किसान विरोधी नीतियों को दर्शा रहा है। उन्होंने कहा कि किसानों के परिवार आर्थिक परेशानियों को झेल रहे हैं। देश का अन्नदाता बदहाली का जीवन जी रहा है। लेकिन सरकारें किसान की कोई सुध लेने को तैयार नहीं है। उन्होंने बताया कि 10 सितम्बर को दिल्ली से किसानों का काफिला यूपी होते हुए उत्तराखण्ड पहुंचेगा। हरिद्वार में यूनियन प्रतिनिधियों के साथ वृहद स्तर पर विचार विमर्श के उपरांत आगे के संघर्ष की रणनीति तय की जाएगी। ऋषिपाल अंबावता ने कहा कि समस्याओं के समाधान के लिए भाकियू अंबावता ने चुनावों में भागीदारी करने का निर्णय लिया है। आने वाले विधानसभा चुनाव में यूनियन उत्तर प्रदेश व उत्तराखण्ड की सभी सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारेगी। मोदी सरकार को सभी मोर्चो पर विफल बताते हुए अंबावता ने कहा कि मोदी सरकार के पास किसानों की समस्याओं के समाधान के लिए कोई विजन नहीं है। मोदी सरकार की गलत नीतियों के चलते देश में आर्थिक हालात बेहद खराब हैं। किसान व बेरोजगार युवा आत्महत्या कर रहे हैं।