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कार्तिक पूर्णिमा पर साधुबेला आश्रम में संतो को वितरित किए गए गर्म वस्त्र

मानव सेवा सबसे बड़ा धर्म है- आचार्य स्वामी गौरीशंकर दास

हरिद्वार। कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर भूपतवाला स्थित साधुबेला आश्रम में हवन यज्ञ कर विश्व कल्याण की कामना की गई। इस दौरान श्री बनखंडी साधुबेला पीठाधीश्वर आचार्य स्वामी गौरीशंकर दास महाराज ने जरूरतमंद साधुओं को कंबल एवं गर्म वस्त्र वितरित किए।
कार्यक्रम के दौरान आचार्य स्वामी गौरीशंकर दास महाराज ने कहा कि पूर्णिमा के दिन श्रीहरि विष्णु स्वयं गंगाजल में निवास करते हैं। इसलिए गंगा स्नान से अक्षय पुण्य की प्राप्ति होती है। हम सभी को अपने सामर्थ्य अनुसार समय-समय पर जरूरतमंद लोगों की सेवा अवश्य करनी चाहिए। ऐसा करने से ईश्वर भी प्रसन्न होते हैं। मानव सेवा ही सबसे बड़ा धर्म है। बाबा बनखंडी की कृपा से प्रत्येक वर्ष साधुबेला संस्था के माध्यम से देश के विभिन्न स्थानों पर जरूरतमंदों की सेवा की जाती है। संत समाज अपने सेवा प्रकल्पों के माध्यम से समाज को जनसेवा का संदेश प्रदान करता चला रहा है। उन्होंने कहा कि संतो का जीवन परमार्थ को समर्पित होता है। संत महापुरुष समाज का मार्गदर्शन कर राष्ट्र को उन्नति की ओर अग्रसर करने में अनादि काल से अपनी सहभागिता निभाते आ रहे हैं। हम सभी को धर्म के मार्ग पर अग्रसर रहकर अपने जीवन को सफल बनाना चाहिए।

स्वामी बलराम मुनि महाराज ने कहा कि देवभूमि उत्तराखंड की पावन धरा हरिद्वार में किया गया कोई भी धार्मिक कार्य व्यक्ति के जीवन को सफलताओं की ओर अग्रसर करता है। पतित पावनी मां गंगा के आचमान मात्र से व्यक्ति का जीवन भवसागर से पर हो जाता है। मां गंगा की पवित्रता और निर्मलता बनाए रखना सभी देशवासियों का कर्तव्य है।

इस दौरान योगाचार्य राजेंद्र प्रसाद,गोपाल दत्त पुनेठा,विष्णु दत्त पुनेठा,सुनील सिंह,जगदीश नवानी,सुदामा भवनानी,अमरलाल कुकरेजा,लालचंद,जगदीश भटीजा,सोनू शर्मा सहित अनेक श्रद्धालु भक्त और संत गण उपस्थित रहे।

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