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श्रीमहंत राजेंद्र दास महाराज के नेतृत्व में वैष्णव अखाड़ों को नई गति मिलेगी – महामंडलेश्वर स्वामी महेंद्र दास

हरिद्वार, 22 अक्टूबर। अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद का महामंत्री बनने पर श्रीमहंत राजेंद्र दास महाराज को बधाई देने वालों का तांता लगा रहा। बैरागी कैंप स्थित अखिल भारतीय श्री पंच निर्मोही अनी अखाड़े में संत समाज एवं सामाजिक संगठनों ने पहुंच कर श्रीमहंत राजेंद्र दास महाराज को शॉल ओढ़ाकर और बुके देकर उनका स्वागत किया और उनके उज्जवल भविष्य की कामना की। इस अवसर पर शनि देव मंदिर मेरठ के महामंडलेश्वर स्वामी महेंद्र दास महाराज ने उन्हें सरोपा और तलवार भेंट की और कहा कि श्रीमहंत राजेंद्र दास महाराज के नेतृत्व में वैष्णव अखाड़ों को नई गति मिलेगी। साथ ही वैष्णव समाज से जुड़े विभिन्न मुद्दों का समय-समय पर निराकरण किया जाएगा। श्रीमहंत राजेंद्र दास महाराज एक विद्वान एवं युवा संत है और कुशल व्यक्तित्व के धनी है। उनकी कार्यशैली और दूरगामी दृष्टि का समस्त संत समाज को लाभ मिलेगा। पावन धाम आश्रम के पूर्व अध्यक्ष ब्रह्मलीन स्वामी सहज प्रकाश महाराज की शिष्य साध्वी तृप्ता सरस्वती एवं साध्वी सुखजीत सरस्वती ने बुके भेंट कर श्रीमहंत राजेंद्र दास महाराज से आशीर्वाद लिया और कहा कि वैष्णव अखाड़ों की गौरवशाली परंपरा विश्व विख्यात है। धर्म के संरक्षण संवर्धन में संत समाज ने हमेशा ही अग्रणी भूमिका निभाई है। महामंत्री के रूप में श्रीमहंत राजेंद्र दास महाराज अखाड़ा परिषद को नई ऊंचाइयों तक ले जाएंगे और अपने अनुभव से समस्त संत समाज को एकजुट कर राष्ट्रीय एकता अखंडता बनाए रखने में अपना सहयोग प्रदान करेंगे। जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती के कृपा पात्र शिष्य ब्रह्मचारी रामानंद ने श्रीमहंत राजेंद्र दास महाराज को पगड़ी पहनाकर एवं तुलसी की माला भेंट कर उनका अभिनंदन किया। इस दौरान ब्रह्मचारी रामानंद महाराज ने कहा कि अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद भारत के साधु संतों की सर्वोच्च संस्था है। जो संतो के हितों के साथ साथ धर्म एवं संस्कृति से जुड़े मुद्दों से समाज को अवगत कराती है और साथ ही कुंभ मेले के आयोजन को सफल बनाने का कार्य करती है। श्रीमहंत राजेंद्र दास महाराज के नेतृत्व में वैष्णव संतो ने कई कुंभ मेलों को सकुशल संपन्न कराया। संत समाज को आशा है कि महामंत्री बनने के बाद श्रीमहंत राजेंद्र दास महाराज समाज को एक नई दिशा प्रदान करेंगे और भारतीय संस्कृति एवं सनातन धर्म के प्रचार प्रसार में अपना महत्वपूर्ण योगदान प्रदान करने के साथ ही राष्ट्रहित में अपना जीवन समर्पित करेंगे।

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