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स्वामी ऋषिश्वरानंद महाराज ने केंद्र सरकार से की सेंसर बोर्ड को भंग करने की मांग

सनातन धर्म का उपहास उड़ाने वालों के खिलाफ कड़ा कानून बनाया केंद्र सरकार- स्वामी ऋषिश्वरानंद

हरिद्वार 22 जून- श्री चेतन ज्योति आश्रम के अध्यक्ष एवं भारत साधु समाज के प्रवक्ता स्वामी ऋषिश्वरानंद महाराज ने आदिपुरुष जैसी फिल्मों के निर्माण पर नाराजगी जाहिर करते हुए केंद्र सरकार से सेंसर बोर्ड को भंग करने की मांग की है। प्रेस को जारी बयान में स्वामी ऋषिश्वरानंद महाराज ने कहा कि सरकार को तत्काल प्रभाव से सेंसर बोर्ड को भंग कर ऐसी फिल्मों के निर्माण पर रोक लगानी चाहिए जिससे भारतीय संस्कृति एवं सनातन धर्म का उपहास उड़ाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि बार-बार लगातार साजिश के तहत सनातन धर्म को बदनाम करने की कोशिश की जा रही है जिसे संत समाज बर्दाश्त नहीं करेगा। ऐसी वेब सीरीज और फिल्में जिनके माध्यम से हमारे पूजनीय देवी देवताओं एवं महापुरुषों के चरित्र को अपमानित किया जाए उन पर तुरंत रोक लगनी चाहिए। केंद्र सरकार और सूचना प्रसारण मंत्रालय को भी ऐसे मामलों में दखल देकर लोगों की आस्था का ध्यान रखना चाहिए। आज देश में जगह-जगह ऐसी फिल्मों के खिलाफ उग्र प्रदर्शन हो रहा है और सरकार शांत है। जो कि बहुत ही निंदनीय है। युवा भारत साधु समाज के अध्यक्ष महंत शिवानंद महाराज ने कहा कि आगामी लोकसभा चुनाव से पहले सरकार के समक्ष इस मुद्दे को जोर-शोर से उठाया जाएगा और सरकार से मांग की जाएगी कि ऐसे फिल्म निर्माताओं को कड़ी से कड़ी सजा दी जाए जो हमारे धर्म धर्म और संस्कृति की मजाक बनाते हैं। सनातन धर्म के प्रचार प्रसार और हिंदू हितों की रक्षा के लिए संत महापुरुषों ने हमेशा ही अग्रिम भूमिका निभाई है। धर्म पर कुठाराघात कतई बर्दाश्त नहीं किया जाएगा चाहे उसके लिए संत समाज को कुछ भी करना पड़े। स्वामी हरिहरानंद, स्वामी रविदेव शास्त्री, स्वामी दिनेश दास, महंत सुतिक्षण मुनि, स्वामी राम जी महाराज, महंत निर्मल दास, महंत श्रवण मुनि, महंत गुरमीत सिंह, मनोज महंत, महंत अरुण दास सहित कई संत महापुरुषों ने आदिपुरुष फिल्म का विरोध करते हुए सेंसर बोर्ड को भंग करने की मांग की है।

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