हरिद्वार, 15 जुलाई। निरंजन पीठाधीश्वर आचार्य महामण्डलेश्वर स्वामी कैलाशानंद गिरी महाराज ने कहा कि श्रावण मास भगवान शिव की कृपा प्राप्त करने का सबसे उत्तम अवसर है। श्रावण में प्रत्येक श्रद्धालु को विधि विधान से भगवान शिव की आराधना कर अपने कल्याण का मार्ग प्रशस्त करना चाहिए। श्री दक्षिण काली मंदिर में पूरे श्रावण मास चलने वाले भगवान शिव के निमित्त विशेष अनुष्ठान के दौरान उपस्थित शिवभक्तों को संबोधित करते हुए स्वामी कैलाशानंद गिरी महाराज ने कहा कि अत्यन्त दयालु एवं कृपालु भगवान शिव भक्तों की सूक्ष्म आराधना से ही प्रसन्न हो जाते हैं और मनवांछित फल प्रदान करते हैं। उन्होंने कहा कि सच्चे हृदय से की गयी भगवान शिव की आराधना कभी निष्फल नहीं जाती। प्रत्येक श्रद्धालु को श्रावण मास में पूर्ण विधि विधान से भगवान शिव को बेल पत्र, शहद, दूध, घी, दही आदि अर्पित कर जलाभिषेक करना चाहिए। जलाभिषेक के दौरान माता पार्वती का ध्यान भी अवश्य करें। इससे शिव शक्ति की सम्मिलित कृपा होती है। जिस व्यक्ति को शिव शक्ति की सम्मिलित कृपा प्राप्त हो जाती है। उसका जीवन भवसागर से पार हो जाताहै। परिवार में सुख समृद्धि का वास होता है। उन्होंने कहा कि श्रावण मास भगवान शिव की आराधना के साथ प्रकृति के संरक्षण का संदेश भी देता है। सभी को शिव आराधना करने के साथ प्रकृति के संरक्षण का संकल्प भी अवश्य लेना चाहिए और दूसरों को भी इसके लिए प्रेरित करना चाहिए। इस अवसर पर स्वामी अंवतिकानन्द ब्रह्मचारी, स्वामी बालमुकुंदानंद ब्रह्मचारी, महंत लालबाबा आदि सहित श्रद्धालु भक्त उपस्थित रहे।
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