Dharm

अकाल मृत्यु के भय से मुक्त कर सुख समृद्धि प्रदान करती है शिव आराधना -महंत गोविंददास

हरिद्वार, 15 जुलाई। अखिल भारतीय श्री पंच निर्मोही अनी अखाड़े के सचिव महंत गोविंद दास महाराज ने कहा है कि भगवान शिव शांतिपुंज हैं, दिव्य हैं और उनकी पूजा-अर्चना से शरीर में अद्भुत ऊर्जा, बल और साहस की अनुभूति होती है। भगवान शिव की आराधना अकाल मृत्यु के भय से मुक्त करती है तथा सदैव सुख समृद्धि प्रदान करती है। बैरागी कैंप स्थित अखाड़े में श्रावण मास के दूसरे दिन श्रद्धालु भक्तों को संबोधित करते हुए महंत गोविंद दास महाराज ने कहा कि भगवान शिव में सारी दुनिया समाई है। जगत के कण-कण में महादेव का वास है। जो श्रद्धालु भक्त एवं दीन दुखी दीनानाथ के दरबार में आ जाता है। उसका कल्याण अवश्य ही निश्चित है। भगवान शिव भाव के भूखे हैं। जो श्रद्धालु भक्तों की सूक्ष्म आराधना से ही प्रसन्न होकर उन्हें मनवांछित फल प्रदान करते हैं और जल की धारा भगवान शिव को अत्यंत प्रिय है और उसी से रुद्राभिषेक की उत्पत्ति हुई है। श्रावण मास में भगवान शिव का रुद्राभिषेक सहस्त्र गुना पुण्य फलदाई होता है। धरती पर शिवलिंग को शिव का साक्षात स्वरूप माना जाता है। भगवान आशुतोष को बेल पत्र और दूध दही अर्पित करने से जन्म जन्मांतर के पापों का विनाश होकर प्राणी मात्र का अलौकिक और आध्यात्मिक विकास होता है। इसलिए श्रावण मास में प्रत्येक व्यक्ति को अपने जीवन का उद्धार करने के लिए भगवान शिव का अभिषेक अवश्य करना चाहिए। भगवान शिव सृष्टि के सर्वशक्तिमान देव हैं। जिनकी आराधना आसुरी शक्तियों का विनाश करती है और साधक को बल बुद्धि की प्राप्ति होती ह।ै इसलिए शिवोपासना सभी के लिए सर्वदा हितकारी है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *