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संत समाज ने पावन धाम के परमाध्यक्ष ब्रह्मलीन स्वामी सहज प्रकाश महाराज को दी भावभीनी श्रद्धाजंलि

राकेश वालिया

महानिर्वाणी अखाड़े के संयोजन में पावन धाम आश्रम में ब्रह्मलीन स्वामी सहज प्रकाश महाराज के परम शिष्य अनुज ब्रह्मचारी को वेदान्त प्रकाश सरस्वती के नाम से दी गयी महंताई चादर

हरिद्वार, 29 अक्टूबर। तीर्थनगरी हरिद्वार की प्रसिद्ध धार्मिक संस्था पावन धाम के परमाध्यक्ष ब्रह्मलीन स्वामी सहज प्रकाश महाराज की षोडशी महानिर्वाणी अखाड़े के संयोजन एवं परमार्थ निकेतन के परमाध्यक्ष म.मं. स्वामी असंगानन्द महाराज की अध्यक्षता में सम्पन्न हुई। जिसमें ब्रह्मलीन स्वामी सहज प्रकाश महाराज को संत समाज ने भावभीनी श्रद्धाजंलि अर्पित की और उनके स्थान उनके परम शिष्य अनुज ब्रह्मचारी को वेदान्त प्रकाश सरस्वती के नाम से महंताई चादर देकर पद पर आसीन किया। इस अवसर पर ट्रस्ट के उपाध्यक्ष पूर्व केन्द्रीय गृह राज्यमंत्री स्वामी चिन्मयानन्द सरस्वती ने ब्रह्मलीन स्वामी सहज प्रकाश महाराज को श्रद्धासुमन अर्पित करते हुए कहा कि स्वामी सहज प्रकाश महाराज त्याग, ज्ञान और सेवा की प्रतिमूर्ति थे। उन्होंने अपने जीवनकाल में पावन धाम संस्था को जो गति प्रदान की उसके चलते हरिद्वार में पावन धाम और मोंगा में गीता आश्रम ट्रस्ट जैसी संस्थाएं समाजसेवा एवं धर्म प्रचार का केन्द्र बनी। अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में परमार्थ निकेतन के परमाध्यक्ष म.मं. स्वामी असंगानन्द महाराज ने कहा कि स्वामी वेदान्तानन्द महाराज के परम शिष्य ब्रह्मलीन स्वामी सहज प्रकाश महाराज मेरे शिष्य के समान थे। उन्होंने अपने जीवनकाल में धर्म प्रचार के साथ-साथ शिक्षा प्रकल्प को आगे बढ़ाने का कार्य करते हुए मोंगा सहित देश के विभिन्न शहरों में स्कूल, काॅलेज स्थापित कर संस्था को अध्यात्म और सेवा से जोड़ने का कार्य किया। मुझे विश्वास है कि जिस प्रकार स्वामी सहज प्रकाश ने संस्था को प्रतिष्ठित किया उसी प्रकार वेदान्त प्रकाश सरस्वती अपने गुरूदेव के दिखाये गये मार्ग पर चलकर उनके अधूरे कार्य को पूरा करेंगे।
श्री महानिर्वाणी अखाड़े के सचिव महंत रविन्द्र पुरी महाराज ने ब्रह्मलीन स्वामी सहज प्रकाश के परम शिष्य अनुज ब्रह्मचारी को पावन धाम आश्रम का महंत नियुक्त करने की घोषणा करते हुए उन्हें नये नाम वेदान्त प्रकाश सरस्वती से महंताई चादर ओढ़ाकर अपना आशीर्वाद प्रदान किया। म.म.स्वामी रामेश्वरानन्द सरस्वती व स्वामी हरिचेतनानन्द महाराज ने कहा कि ब्रह्मलीन स्वामी सहजप्रकाश महाराज संत समाज के प्रेरणा स्रोत थे। उनके दिखाए मार्ग पर चलते हुए उनके शिष्य वेदान्त प्रकाश सरस्वती संस्था को उन्नति के मार्ग पर अग्रसर करेंगे। महंत शरदपुरी व महंत प्रबोधानन्द गिरी महाराज ने कहा कि संतों का जीवन निर्मल जल के समान होता है। ब्रह्मलीन स्वामी सहजप्रकाश महाराज ने सदा संत महापुरूषों की जो सच्चे मन सेवा की है उसे कभी भुलाया नहीं जा सकता। संत समाज का आभार व्यक्त करते हुए नवनियुक्त महंत वेदान्त प्रकाश सरस्वती महाराज ने कहा कि पूज्य गुरूदेव ब्रह्मलीन स्वामी सहजप्रकाश के दिखाए मार्ग पर चलते संत समाज की सेवा और संस्था की उन्नति के लिए कार्य करेंगे। इस अवसर पर म.मं.स्वामी विश्वेश्वरानन्द गिरि, म.मं.स्वामी आत्मानन्द, म.मं.स्वामी आनन्द चेतन, म.मं.स्वामी प्रेमानन्द, म.मं.स्वामी गिरधर गिरि, म.मं.स्वामी शिवप्रेमानन्द, म.मं.स्वामी दिव्यानन्द, म.मं.स्वामी रामेश्वरानन्द सरस्वती, म.मं.स्वामी अर्जुन पुरी, म.मं.स्वामी हरिचेतनान्द, म.मं.स्वामी ज्योर्तिमयानन्द, म.मं. स्वामी सुमन भारती, स्वामी चिदानन्द मुनि, स्वामी ब्रह्मस्वरूप ब्रह्मचारी, श्रीमहंत देवानन्द सरस्वती, श्रीमहंत ललितानन्द गिरि, स्वामी दिव्यानन्द, स्वामी ऋषिश्वरानन्द, स्वामी शरदपुरी, महंत निर्मलदास, महंत सागरमुनि, महंत दामोदरदास, महंत देवेंद्र तोमर महाराज सहित विभिन्न अखाड़ों के पदाधिकारियों, संत-महंतजनों ने नवनियुक्त महंत वेदान्त प्रकाश सरस्वती को महंताई तिलक चादर देकर अपने आशीर्वाद से अभिसिंचित किया। इस अवसर पर ट्रस्ट के उपाध्यक्ष स्वामी चिन्मयानन्द सरस्वती, ट्रस्टी सुनील जोशी, मिंटू पंजवानी, पार्षद अनिरूद्ध भाटी, विनित जौली, अनिल मिश्रा, पार्षद प्रतिनिधि विदित शर्मा, सागर मुनि, संजय वर्मा, समाजसेवी विपिन शर्मा, मोहित कौशिक, अंशुल श्रीकुंज, महंत राजकुमार दास समेत अनेक श्रद्धालु भक्तजन उपस्थित रहे।

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