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सनातन परंपराए अनेकता में एकता को दर्शाती हैं-स्वामी राजराजेश्वर

गुरु शिष्य परंपरा पूरे विश्व में भारत को महान बनाती है-निरंजन स्वामी

हरिद्वार, 4 सितंबर। पुरुषार्थ आश्रम के परमाध्यक्ष महामनीषी निरंजन स्वामी महाराज ने कहा है कि धर्म एवं संस्कृति के प्रचार प्रसार में संतो ने सदैव अग्रणी भूमिका निभाई है और गुरु शिष्य परंपरा पूरे विश्व में भारत को महान बनाती है। इंटरनेशनल सिद्धाश्रम शक्ति सेंटर के संस्थापक स्वामी राजराजेश्वर महाराज के सानिध्य में लंदन में आयोजित संत समागम को वर्चुअल तौर पर संबोधित करते हुए निरंजन स्वामी महाराज ने कहा कि आज भारतीय संस्कृति और सनातन धर्म से प्रभावित होकर विदेशी लोग सनातन परंपराओं को अपना रहे हैं। जो भारत के लिए गर्व की बात है। उन्होंने कहा कि भारत प्राचीन काल से ही धर्म का सकारात्मक संदेश देश दुनिया को देता रहा है। ऋषि मुनि संत महापुरुष समाज का मार्गदर्शन कर नई दिशा प्रदान कर रहे हैं। जिससे सभी को प्रेरणा लेनी चाहिए। उन्होंने कहा कि स्वामी राजराजेश्वर महाराज भारत सहित विदेशों में भी सनातन धर्म एवं भारतीय संस्कृति की पताका को फैला रहे हैं। जो संत समाज के लिए गौरव का विषय है। स्वामी राजराजेश्वर द्वारा राष्ट्र निर्माण में दिया गया योगदान सदैव अतुल्य रहेगा। क्योंकि वह धर्म के साथ देशभक्ति का संदेश भी लोगों को प्रदान कर रहे हैं। स्वामी राजराजेश्वर महाराज ने कहा कि लंदन अपनी विविधता और समावेशीता के लिए विश्व भर में जाना जाता है। जहां पर सनातन धर्म के प्रति अथाह प्रेम करने वाले हजारों लोग रहते हैं। भारतीय संस्कृति और सनातन परंपराए विश्व विख्यात हैं जो कि अनेकता में एकता को दर्शाती हैं। हिंदू धर्माचार्य सदैव ही लोगों को ज्ञान की प्रेरणा देकर उनके कल्याण का मार्ग प्रशस्त करते आए हैं और सत्य के मार्ग पर चलने की प्रेरणा देकर भक्तों के कल्याण का मार्ग प्रशस्त करते हैं। कार्यक्रम में पधारे सभी संत महापुरुषों का स्वामी राजराजेश्वर महाराज ने फूल माला पहनाकर और स्मृति चिन्ह भेंट कर स्वागत किया। इस दौरान स्वामी सत्यव्रतानंद, रवि शर्मा, नवीन शाह, अजय मारू, सोनू मलकानी, करूपेस हिरानी, वैष्णवी पटेल आदि उपस्थित रहे।

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