हरिद्वार, 16 अगस्त। जगद्गुरु रामानंदाचार्य स्वामी अयोध्याचार्य महाराज ने कहा है कि संत परंपरा पूरे विश्व में भारत को महान बनाती है और गुरु शिष्य परंपरा से ही भारत की एक अलग पहचान है। नरसिंह धाम आश्रम में श्रावण मास के अंतिम सोमवार को आयोजित संत समागम के अवसर पर श्रद्धालु भक्तों को संबोधित करते हुए जगद्गुरु स्वामी अयोध्याचार्य महाराज ने कहा कि संत महापुरुषों के तपोबल और ज्ञान से भारत आज पूरे विश्व का मार्गदर्शन कर रहा है। वह दिन दूर नहीं जब भारत विश्व गुरु के रूप में एक सशक्त राष्ट्र बन कर उभरेगा। बाबा हठयोगी महाराज ने कहा कि संतों का जीवन निर्मल जल के समान होता है और संत सदैव ही अपने भक्तों को ज्ञान की प्रेरणा देकर उनके कल्याण का मार्ग प्रशस्त करते हैं। उन्होंने कहा कि कोरोना काल में आज पूरे विश्व को भारत से धर्म का सकारात्मक संदेश प्राप्त हो रहा है। संत महापुरुषों द्वारा की गई पूजा अर्चना निश्चित तौर पर ही विश्व का कल्याण करती है। महंत रघुवीर दास एवं महंत गोविंद दास महाराज ने कहा कि संत अपने भक्तों का मार्गदर्शन कर अंधकार से प्रकाश की ओर ले जाकर उनके जीवन को सफल बनाते हैं। सभी को गुरु के बताए मार्ग पर चलकर मानव सेवा में अपना योगदान देना चाहिए, क्योंकि मानव सेवा ही सबसे बड़ा धर्म है। श्री महंत विष्णु दास महाराज ने कहा कि भारतीय संस्कृति एवं सनातन धर्म को संरक्षित और संवर्धन करने में संत महापुरुषों की अहम भूमिका है। जगद्गुरु रामानंदाचार्य स्वामी अयोध्या महाराज वयोवृद्ध अवस्था में भी धार्मिक क्रियाकलापों के माध्यम से समाज को धर्म का संदेश प्रदान कर रहे हैं और युवा पीढ़ी को संस्कारवान बनाकर धर्म की रक्षा के लिए प्रेरित कर रहे हैं। राष्ट्र निर्माण में इनका अतुल्य योगदान सदैव स्मरणीय रहेगा। कार्यक्रम में पधारे संत महापुरूषांे का महंत राजंेेंद्रदास, साध्वी विजय लक्ष्मी व साध्वी जयश्री ने फूलमाला पहनाकर स्वागत किया। इस दौरान महंत प्रेमदास, महंत दुर्गादास, महंत नारायण दास पटवारी, महंत बिहारी शरण, महंत अंकित शरण, महंत शंभूदास, महंत सूरज दास, महंत सुमित दास, ब्रह्मांड गुरु अनंत महाप्रभु, स्वामी दिनेश दास, स्वामी हरिहरानंद, स्वामी रवि देव शास्त्री आदि सहित बड़ी संख्या में संत महंत उपस्थित रहे।