राकेश वालिया
हरिद्वार, 08 नवम्बर। महामनीषी निरंजन स्वामी महाराज ने कहा है कि प्रभु श्रीराम भारत की आत्मा है जिनके स्मरण मात्र से ही व्यक्ति के जन्म जन्मान्तर का विनाष हो जाता है। पुरूषार्थ आश्रम और षिवा हिन्दू मंदिर यूरोप के तत्वावधान में भारतमातापुरम स्थित नकलंक धाम मंे आयोजित श्रीराम कथा के छठें दिन पुरूषार्थ आश्रम के परमाध्यक्ष निरंजन स्वामी महाराज ने श्रद्धालु भक्तों को सम्बोधित करते हुए कहा कि भगवान श्रीराम ने एक आदर्ष चरित्र प्रस्तुत कर समाज को एक सूत्र में बांधा था मर्यादा पुरूषोत्तम प्रभु श्रीराम के आदर्ष जो व्यक्ति अपने जीवन में आत्मसात कर लेता है उसका जीवन भव सागर से पार हो जाता है। स्वामी आनंद गिरी महाराज ने कहा कि नीति कुषल और न्यायप्रिय प्रभु श्रीराम विषम परिस्थितियों में भी नीति सम्मत रहे। उन्होंने वेदों और मर्यादा का पालन करते हुए एक सुखी राज्य की स्थापना की। सभी को उनके जीवन से प्रेरणा लेकर सत्य के मार्ग पर अग्रसर रहना चाहिये। कथा व्यास देवी ऋचा मिश्रा ने कहा कि प्रभु श्रीराम ने स्वयं की भावना व सुखों से समझौता कर न्याय और सत्य का साथ दिया। भगवान राम ने दया कर सभी को अपनी छत्र छाया में लिया। प्रभु श्रीराम अपने भक्तों का संरक्षण कर उनका कल्याण करते हैं जो दीन दुखी भगवान श्रीराम की शरण में आ जाता है उसका उद्धार स्वयं ही हो जाता है। इस दौरान स्वामी सत्यव्रतानंद, स्वामी राजेन्द्रदास बापू, स्वामी राजराजेष्वर, पंडित अवि शर्मा आदि मौजूद रहे।