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नीलेश्वर महोदव में प्रतिदिन जलाएं जाएंगे 1008 दीपक-महंत प्रेमदास

विक्की सैनी

भगवान शिव की कृपा से दूर होती है दरिद्रता-स्वामी हरिचेतनानंद

हरिद्वार, 1 अगस्त। नीलपर्वत स्थित श्री नीलेश्वर महादेव मंदिर पर संत महापुरूषों ने महंत प्रेमदास महाराज के सानिध्य में रूद्राभिषेक किया। इस अवसर पर सभी संतों ने महंत प्रेमदास महाराज को जन्म दिवस की बधाई देते हुए उनकी दीर्घायु की कामना की। इस दौरान म.म.स्वामी हरिचेतनानन्द महाराज ने श्रावण मास में महादेव की आराधना का महत्व बताते हुए कहा कि शनि प्रदोष व श्रावण मास में भगवान आशुतोष का जलाभिषेक करने मात्र से भक्तों की दरिद्रता दूर होती है। दरिद्रता एक अभिशाप है और शिवपुराण के अनुसार प्रदोष काल में महादेव की पूजा सहस्त्र गुणा पुण्य फलदायी होती है। उन्होंने का कि नीलेश्वर महादेव स्वयंभू हैं। भगवान शिव की बारात का प्रस्थान यहीं से हुआ था। नीलेश्वर महादेव के नित्य रूद्राभिषेक से व्यक्ति का जीवन प्रगति की ओर अग्रसर होता है। श्रद्धालु भक्तों की सभी मनोकामनाएं भगवान भोलेनाथ पूर्ण करते हैं। महंत पे्रमदास महाराज ने सात्विक प्रधानता से यहां सनातन धर्म का प्रचार प्रसार एवं गौमाता की सेवा अनवरत जारी रखी है। ऐसे महापुरूषों को संत समाज नमन करता है। नीलेश्वर महादेव के परमाध्यक्ष महंत प्रेमदास महाराज ने कहा कि सेवा कार्यों से ही संतों की पहचान है और संतों का संपूर्ण जीवन परोपकार का समर्पित रहता है।

महंत प्रेमदास महाराज ने कहा कि प्रभु श्रीराम को वनवास से अयोध्या आने में 14 वर्ष बीत गये ओर अयोध्या में सिंहासन पर विराजमान होने में पांच सौ वर्ष का समय लगा। लंबे समय बाद वह शुभ घड़ी आयी है। जब प्रभु श्रीराम अपने सिंहासन पर विराजमान होंगे। समस्त भारतवासियों के लिए यह गौरव का पल है। उन्होंने कहा कि आज से रामजन्म भूमि पूजन तक रोजाना पांच दिन नीलेश्वर महादेव मंदिर के प्रांगण में 1008 घी के दीए जलाए जाएंगे। उन्होंने सभी देशवासियों से भी अपील करते हुए कहा कि सभी अपने घरों में घी के दीपक जलाएं। क्योंकि प्रभु श्रीराम जन-जन के आराध्य हैं आर प्रत्येक भारतवासी के हृदय में विराजमान हैं। इस दौरान महंत कृष्णानंद, स्वामी केशवानंद, महंत कमलदास आदि उपस्थित रहे।

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