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ज्योतिष पीठ के नवनियुक्त शंकराचार्य का हरिद्वार पहुंचने पर हुआ अभिनंदन

शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती महाराज के सानिध्य में सनातन धर्म को प्राप्त होगा सर्वोच्च शिखर- स्वामी ऋषिश्वरानंद महाराज

हरिद्वार। ज्योतिष पीठ के नवनियुक्त जगतगुरु शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती महाराज का कनखल स्थित शंकराचार्य मठ पहुंचने पर भारत साधु समाज के प्रवक्ता स्वामी ऋषिश्वरानंद महाराज के सानिध्य में संत समाज ने भव्य स्वागत किया। इस दौरान संतो ने उन्हें फूल माला पहनाकर उनकी आरती उतारी और दीर्घायु की कामना कीl कार्यक्रम को संबोधित करते हुए भारत साधु समाज के प्रवक्ता स्वामी ऋषिश्वरानंद महाराज ने कहा कि जगतगुरु शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती महाराज का ज्योतिष पीठ पर अभिषेक होने से सनातन संस्कृति और सनातन धर्म दोनों गौरवान्वित हुए हैं। स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती महाराज युवा योग्य और उच्च कोटि के तपस्वी एवं विद्वान संत हैं। जिनके शंकराचार्य पद पर विराजमान होने से सनातन धर्म को और ऊंचाई और गौरव प्राप्त होंगी l संत समाज इनके उज्जवल भविष्य की कामना करता है। स्वामी ऋषिश्वरानंद महाराज ने स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती महाराज को प्रस्ताव दिया कि वह ब्रह्मलीन स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती महाराज के स्थान पर भारत साधु समाज के अध्यक्ष के रूप में पद को सुशोभित करें। उन्होंने कहा कि जल्द ही एक बड़ा और भव्य आयोजन कर इस बात की घोषणा सार्वजनिक रूप से की जाएगी। बाबा हठयोगी महाराज ने कहा कि जो लोग शंकराचार्य पद को लेकर भ्रम की स्थिति पैदा कर रहे हैं। आज उन्हें करारा जवाब मिला है स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद शंकराचार्य पद के लिए योग्य और परम विद्वान है। जो शंकराचार्य पद पर विराजमान रहते हुए धर्म और संस्कृति की पताका को विश्व भर में फहराएंगे l संत समाज इनकी दीर्घायु की कामना करता है। और हर काल और परिस्थिति में उनके साथ कंधे से कंधा मिला कर खड़ा है। पूर्व पालिका अध्यक्ष सतपाल ब्रह्मचारी महाराज ने कहा कि जगतगुरु शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती महाराज ने शंकराचार्य के रूप में ज्योतिष पीठ सहित पूरे उत्तराखंड का गौरव बढ़ाया है। जो समस्त उत्तराखंड वासियों के लिए हर्ष का विषय है। समस्त संत समाज हरिद्वार पधारने पर उनका हार्दिक अभिनंदन करता है। और ईश्वर से प्रार्थना करता है कि उनके सानिध्य में दिन प्रतिदिन सनातन धर्म को सर्वोच्च शिखर की प्राप्ति हो। सतपाल ब्रह्मचारी महाराज ने कहा कि आज कुछ तथाकथित संत शंकराचार्य पद को लेकर भ्रम फैला रहे हैं। लेकिन चारों पीठ के शंकराचार्य एक हैं। और आपस में समन्वय स्थापित कर धर्म को नई ऊंचाइयों की ओर ले जा रहे हैं। भ्रम फैलाने वाले संतो की वास्तविक अवस्था को समस्त जग अच्छी तरह जानता है। उनका कार्य मात्र समाज में किसी भी तरह विद्वेष फैलाना है। जिसे कामयाब नहीं होने दिया जाएगा शंकराचार्य के रूप में समस्त संत समाज स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती महाराज को ज्योतिष पीठ के नवनियुक्त उत्तराधिकारी के रूप में स्वीकार करता है। इस दौरान महामंडलेश्वर स्वामी प्रकाशानंद, स्वामी हरिहरानंद, महंत दुर्गादास, महंत सुतीक्षण मुनि, स्वामी दिनेश दास, मातृ सदन के अध्यक्ष स्वामी शिवानंद, महंत गोविंद दास, स्वामी कामेश्वर पुरी, महंत कपिल मुनि, महंत शुभम गिरी, महंत श्रवण मुनि सहित अनेक संत महापुरुष उपस्थित रहे

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