हरिद्वार, 29 सितम्बर। साधु बेला पीठाधीश्वर आचार्य स्वामी गौरीशंकर दास महाराज ने कहा है कि नवरात्रि पर्व मां भगवती की आराधना को समर्पित है और शक्ति की उपासना करने से साधक को प्रत्येक क्षेत्र में सफलता प्राप्त होती है। भूपतवाला स्थित साधु बेला आश्रम में नवरात्रि के चैथे दिन मां भगवती की विशेष आराधना के दौरान श्रद्धालु भक्तों को मां की महिमा का सार समझाते हुए आचार्य स्वामी गौरी शंकर दास महाराज ने कहा कि मां भगवती की आराधना से हमें एक अलौकिक ऊर्जा प्राप्त होती है। जिससे हम मन के विकारों को दूर कर सकते हैं। मां की आराधना करने से हमें अपने आप को उन्नत करने एवं अपने मस्तिष्क की सोचने की शक्ति को शिखर पर ले जाने में मदद मिलती है। मां भगवती जगदंबा अत्यंत करुणामयी और ममतामयी है। जो भक्तों की सूक्ष्म अराधना से ही प्रसन्न होकर साधक की सभी मनोकामनाएं पूर्ण करती हैं। नवरात्र में मां की आराधना का महत्व और अधिक बढ़ जाता है। मां के आशीर्वाद से हमें सकारात्मक मार्ग पर चलने की प्रेरणा प्राप्त होती है। इसीलिए नवरात्र में सभी को विधि विधान से माता की पूजा अर्चना अवश्य करनी चाहिए। आचार्य स्वामी गौरी शंकर दास महाराज ने कहा कि नवरात्रों में 9 दिनों तक प्रत्येक व्यक्ति को उपवास रखना चाहिए। ऐसा करने से शरीर पूरी तरह से शुद्ध हो जाता है और शरीर में बल बुद्धि का विकास होता है। मन शांत रहता है और शांत और स्वच्छ मन में ही ईश्वर का वास होता है। इसलिए देवी की आराधना परम कल्याणकारी एवं सहस्र गुना पुण्य फलदाई है। इस दौरान महंत बलराम मुनि, गोपाल दत्त पुनेठा, विष्णु दत्त पुनेठा, सुनील आदि उपस्थित रहे।
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