प्रथम नवरात्र पर चंडी देवी मंदिर में की गई विशेष पूजा अर्चना
व्यक्ति का जीवन भवसागर से पार लगाती है मां चंडी देवी की आराधना- महंत रोहित गिरी
हरिद्वार 22 मार्च। मां चंडी देवी मंदिर परमार्थ ट्रस्ट के अध्यक्ष महंत रोहित गिरी महाराज ने कहा है कि मां चंडी देवी की आराधना व्यक्ति का जीवन भवसागर से पार लगाती है। जो दिन दुखी मां के दरबार में आ जाता है उसका कल्याण अवश्य ही निश्चित है। नील पर्वत स्थित सिद्धस्थल मां चंडी देवी मंदिर के प्रांगण में चैत्र नवरात्र के प्रथम दिवस पर श्रद्धालु भक्तों को मां की महिमा का सार समझाते हुए महंत रोहित गिरी महाराज ने कहा कि श्रद्धा पूर्वक की गई मां की आराधना से व्यक्ति के जन्म जन्मांतर के पापों का शमन होता है और उसके मोक्ष का मार्ग प्रशस्त होता है। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड वासियों के कल्याण एवं मातृशक्ति के सम्मान के लिए संपूर्ण नवरात्र मां चंडी देवी की आराधना नारी शक्ति उत्सव के रूप में की जाएगी। मां चंडी देवी करुणामयी और ममतामयी है। जो भक्तों की सूक्ष्म आराधना से ही प्रसन्न होकर उनका उद्धार करती हैं। नवरात्र में की गई मां की उपासना से भक्तों को सहस्त्र गुना पुण्य फल की प्राप्ति होती है। समस्त नवरात्र जो श्रद्धालु भक्त मां के दरबार में आते हैं मां भगवती उनका बेड़ा पार लगाती है। महंत रोहित गिरी महाराज ने कहा कि जिस प्रकार एक माँ अपने बच्चों का संरक्षण कर उनके उज्जवल भविष्य का निर्माण करती है। उसी प्रकार अपनी शरण में आए प्रत्येक श्रद्धालु भक्त की सभी मनोकामनाएं पूर्ण कर देवी भगवती सभी का कल्याण करती हैं। उन्होंने मंदिर आने वाले सभी श्रद्धालु भक्तों से अपील करते हुए कहा कि मंदिर आते समय पैदल मार्ग अथवा ट्रॉली मार्ग से कोई भी व्यक्ति जंगल में पॉलिथीन या कचरा ना डालें। उत्तराखंड और हरिद्वार की पवित्रता को बनाए रखना हम सभी का दायित्व है। इस अवसर पर पंडित पंकज रतूड़ी, पंडित देशवाल शास्त्री, पंडित अमित बेलवाल, पंडित राजेश कुकशाल, पंडित नवल किशोर, पंडित रोहित डबराल, पंडित मनमोहन कंडवाल, विशाल कश्यप, सुनील कश्यप, मोहित राठौर, पंडित बैजनाथ भट्ट, मनोज डोभाल, अवनीश त्रिपाठी, त्रिलोक शर्मा सहित अनेकों श्रद्धालु भक्त उपस्थित रहे।