Dharm

मानव उद्धार के लिए पृथ्वी पर अवतरित हुई मां गंगा पापों से मुक्त करने वाली है। -स्वामी सोमेश्वरानंद गिरी

राकेश वालिया

हरिद्वार, 21 जनवरी। निरंजनी अखाड़ा के वरिष्ठ महामंडलेश्वर स्वामी सोमेश्वरानंद गिरी महाराज ने कहा है कि पतित पावनी मां गंगा जग की पालनहार है। जो युगों युगों से अविरल व निर्मल बह कर प्राणी मात्र का उद्धार करती चली आ रही है। मां गंगा को स्वच्छ व निर्मल बनाए रखना सभी देशवासियों का कर्तव्य है। भूपतवाला स्थित श्री श्री आत्म योग निकेतन धाम आश्रम में आयोजित संत सम्मेलन में श्रद्धालु भक्तों को संबोधित करते हुए स्वामी सोमेश्वरानंद गिरी महाराज ने कहा कि मां गंगा के आचमन मात्र से ही व्यक्ति का जीवन भवसागर से पार हो जाता है। ब्रह्मलीन स्वामी आत्मानंद सरस्वती महाराज एक दिव्य महापुरुष थे। जिन्होंने सदैव गंगा के संरक्षण के लिए लोगों का मार्गदर्शन किया और संपूर्ण विश्व में सनातन धर्म और भारतीय संस्कृति का प्रचार प्रसार किया। राष्ट्र कल्याण में उनका अहम योगदान कभी भुलाया नहीं जा सकता। महामंडलेश्वर आचार्य स्वामी महेश आनंद सरस्वती महाराज ने कहा कि महापुरुषों की प्रेरणा सदैव राष्ट्र के हित में होती है । मानव उद्धार के लिए पृथ्वी पर अवतरित हुई मां गंगा पापों से मुक्त करने वाली है। अपने भक्तों के कष्टों को हर कर उनका मन अपने जल की तरह ही निर्मल बनाती है। मां गंगा की आरती करने भर से जन्म जन्मांतर के पापों का विनाश हो जाता है। श्री श्री आत्म योग निकेतन धाम की परमाध्यक्ष महामंडलेश्वर साध्वी स्वामी संतोष आनंद सरस्वती महाराज ने कहा कि मां गंगा की पूजा अमोघ फल प्रदान करने वाली है। मानव सभ्यता को जीवन देने वाली मां गंगा ही है। मां गंगा के जल का आचमन उसी तरह शुभ होता है, जैसे भगवान का चरणामृत। गंगा जल का स्पर्श करने मात्र से व्यक्ति के दुख दूर हो जाते हैं और सुख समृद्धि की प्राप्ति होती है। इस अवसर पर स्वामी देवानंद सरस्वती, स्वामी विवेकानंद, महंत कमलदास, महंत प्रहलाददास आदि संतजन व बड़ी संख्या में श्रद्धालु मौजूद रहे।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *