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महानिर्वाणी अखाड़े की महामण्डलेश्वर बनेंगी जय मां मिशन की परमाध्यक्ष श्री शरण ज्योति मां

देश को उन्नति की ओर अग्रसर करने में मातृशक्ति की अहम भूमिका -श्रीमहंत रविन्द्रपुरी

हरिद्वार, 18 नवम्बर। जय मां शरणम मिशन कि नवनियुक्त परमाध्यक्ष श्री शरण ज्योति मां को श्री पंचायती अखाड़ा महानिर्वाणी की महामंडलेश्वर बनाया जाएगा। कनखल स्थित श्री पंचायती अखाड़ा महानिर्वाणी की छावनी में आयोजित संतों की बैठक में अखाड़े के सचिव एवं अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष श्रीमहंत रविंद्र पुरी महाराज ने बताया कि जय मां मिशन शिक्षा एवं सेवा के क्षेत्र में अनेक वर्षों से अपनी सहभागिता निभाता चला आ रहा है। मिशन के संस्थापक ब्रह्मलीन उषा माता एवं स्वामी महादेव महाराज ने मिशन की अनेक शाखाओं का निर्माण कर धर्म एवं संस्कृति के संरक्षण संवर्धन में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उनकी शिष्य साध्वी श्री शरण ज्योति मां विद्वान एवं तपस्वी संत हैं। जिन्हें आगामी प्रयागराज कुंभ मेले में श्री पंचायती अखाड़ा महानिर्वाणी का महामंडलेश्वर नियुक्त किया जाएगा। उन्होंने कहा कि देश को उन्नति की ओर अग्रसर करने में मातृशक्ति की अहम भूमिका है और मातृ शक्ति के बल पर ही देश एक सशक्त राष्ट्र बन सकता है। श्री शरण ज्योति मां ने कहा कि धर्म एवं संस्कृति के संरक्षण संवर्धन एवं प्रचार प्रसार में सभी तेरह अखाड़ों की महत्वपूर्ण भूमिका प्राचीन काल से ही रही है। कुंभ मेलों के सफल आयोजन एवं भारतीय सभ्यता को जीवित रखने में संत महापुरुषों ने अपनी भूमिका निभाते हुए विश्व को धर्म का एक सकारात्मक संदेश प्रदान किया है। जय मां मिशन श्री पंचायती अखाड़ा महानिर्वाणी के साथ मिलकर धर्म के नए आयाम स्थापित करेगा। श्री शरद ज्योति मां एवं श्री जीवन ज्योति मां ने कहा कि राष्ट्र को एकता एवं अखंडता के सूत्र में बांधने में संत महापुरुषों का योगदान कभी भुलाया नहीं जा सकता। महापुरुषों ने सदैव ही समाज को नई दिशा प्रदान कर धर्म का मार्ग दिखाया है। अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष के रूप में श्री महंत रव्रिद्र पुरी महाराज सभी को साथ लेकर समाज का उत्थान करेंगे और भारतीय संस्कृति की पताका को समस्त विश्व में फहराएंगे। उन्होंने कहा कि सभी तेरह अखाड़ों की परंपराएं विश्व विख्यात है और संत महापुरुषों के तपोबल से ही समस्त विश्व में भारत की अलग पहचान है। उन्होंने कहा कि श्री महंत रविंद्र पुरी महाराज के नेतृत्व में जय मां मिशन अपने सेवा प्रकल्पों के माध्यम से समाज की निरंतर सेवा करेगा और युवा पीढ़ी को साथ लेकर धर्म के संवर्धन संस्कृत और संस्कृति के लिए समाज को जागृत किया जाएगा। इस अवसर पर श्रीमहंत देव गिरी, श्रीमहंत कमलपुरी, श्रीमहंत रामेंद्रुपुरी, श्रीमहंत अखिलेश भारती, श्रीमहंत कैलाश भारती, बाबा बलराम दास हठयोगी, साध्वी तरूण ज्योति, साध्वी परम ज्योति, साध्वी दिव्य ज्योति, साध्वी जीवन ज्योति, साध्वी अरूण ज्योति, साध्वी पूजा ज्योति, साध्वी प्रकाश ज्योति, रेशम ज्योति आदि मौजूद रहे।

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