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कुंभ मेला कार्यो में उत्तरी हरिद्वार की उपेक्षा कर रहा प्रशासन-स्वामी बालकानन्द गिरी

विक्की सैनी/राकेश वालिया

हरिद्वार, 3 जुलाई। आनन्द पीठाधीश्वर व हरिधाम सनातन सेवा ट्रस्ट के परमाध्यक्ष आचार्य महामण्डलेश्वर स्वामी बालकानन्द गिरी महाराज ने उत्तरी हरिद्वार क्षेत्र में कुंभ मेला कार्यो की शुरूआत ना होने पर नाराजगी व्यक्त करते कहा है कि कुंभ मेला कार्यो को लेकर उत्तरी हरिद्वार क्षेत्र की उपेक्षा की जा रही है। आगामी कुंभ प्रारम्भ होने में बहुत ही कम समय शेष रह गया है। बड़ी संख्या में श्रद्धालु भक्त उत्तरी हरिद्वार क्षेत्र के आश्रमों, होटल, धर्मशालाओं में आकर रूकते हैं। संत बाहुल्य क्षेत्र होने के बावजूद क्षेत्र में कुंभ कार्य शुरू ना होना प्रशासन की लचर कार्यशैली को दर्शाता है। उन्होंने कहा कि उत्तरी हरिद्वार क्षेत्र स्थित गंगा घाटों के सौन्दर्यकरण का कार्य अविलम्ब शुरू होना चाहिए। बिजली, पानी, सीवर, सड़क के कार्यो के साथ साथ हाईवे निर्माण में भी तेजी लानी चाहिए। साथ ही प्रशासन को कुंभ मेले को लेकर उत्तरी हरिद्वार क्षेत्र के संत महापुरूषों से भी विचार विमर्श करना चाहिए। तभी जाकर महाकुंभ मेला सकुशल संपन्न होगा। स्वामी बालकानन्द गिरी महाराज ने कहा कि जिस गति से कुंभ मेले के कार्य चल रहे हैं। उनका कुंभ आयोजन से पहले पूर्ण होना संभव नहीं लग रहा है। प्रशासन को कार्यो की गति तेज करनी चाहिए। जिससे कार्य समय पर पूर्ण हो सकें और संतों व श्रद्धालुओं को इनका लाभ मिल सके साथ ही स्थानीय लोगों को भी किसी प्रकार की दिक्कत का सामना ना करना पड़े। उन्होंने कहा कि प्रशासन को जिन मार्गो से अखड़ों की पेशवाई निकलनी है। उन मार्गों को चिन्हित कर मरम्मत आदि का कार्य भी समय से पूरा करना चाहिए। उन्होंने कहा कि महाकुंभ मेला भारतीय संस्कृति व सनातन धर्म की अद्भूत पहचान है। जो भारत की विश्व पटल पर एक अद्भूत छाप छोड़ता है। देश के सबसे बड़े धार्मिक आयोजन महाकुंभ मेले को सफल बनाना सभी का कर्तव्य है। प्रशासन को अविलम्ब अखाड़ों के स्थायी कार्य भी शुरू कर देने चाहिए। हरिद्वार में मेला भूमि कम होने के कारण कुंभ के आयोजन में व्यवधान पैदा ना हो इसके लिए अतिक्रमण हटाने का काम भी तत्काल शुरू करना चाहिए। साथ ही जिन स्थानों पर अखाड़ों की छावनियां स्थापित की जानी हैं। उन स्थानों पर नागरिक सुविधाएं उपलब्ध कराने की तैयारी भी अभी से शुरू कर देनी चाहिए।

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