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आधुनिक शिक्षा के दौर में गुरुकुल पद्धति को भी कंप्यूटर से जोड़ा जाए- आचार्य म.म.स्वामी बालकानंद गिरी


संत महापुरूष करें गुरूकुल विद्यालयों की स्थापना

हरिद्वार, 8 अप्रैल। आनंद पीठाधीश्वर आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी बालकानंद गिरी महाराज ने सभी तेरह अखाड़ों के संत महापुरुषों से आग्रह किया है कि अपने-अपने स्थानों पर एक-एक गुरुकुल विद्यालय बनाएं। जिससे सनातन धर्म एवं संस्कृति के संस्कार सर्व समाज में स्थापित होंगे। प्रैस को जारी बयान में स्वामी बालकानंद गिरी महाराज ने कहा कि गुरुकुल पद्धति के बिना समाज में शिक्षा एवं संस्कार का अभाव है। गुरुकुल पद्धति स्थापित होने से भारत में युवा पीढ़ी संस्कारवान बनेगी और भारत राम राज्य की ओर अग्रसर होगा। उन्होंने देश के यशस्वी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मांग की है कि भारत देश में पुनः गुरुकुल पद्धति को स्थापित किया जाए। जिस तरह अयोध्या में प्रभु श्री राम का भव्य मंदिर बनने जा रहा है। उसी प्रकार भारत में राम राज्य स्थापित होगा। उन्होंने कहा कि गुरुकुल पद्धति के माध्यम से भारत विश्व गुरु बनेगा। स्वामी बालकानंद गिरी महाराज ने कहा कि समय के साथ परिवर्तन आवश्यक है। आधुनिक शिक्षा के दौर में यदि गुरुकुल पद्धति को भी कंप्यूटर से जोड़ा जाए तो अवश्य ही संपूर्ण भारत के लिए लाभदायक होगा। उन्होंने कहा कि वेद की ऋचाओं को आधुनिकरण के माध्यम से संपूर्ण समाज में प्रसारित किया जाए। जिससे सभी के मन में गुरुकुल पद्धति एवं उसके संस्कार पुनः स्थापित हो सकें। इस दौरान स्वामी सत्यानन्द गिरी, स्वामी नत्थीनंद गिरी, आचार्य मनीष जोशी, स्वामी मुनिषानंद गिरी, स्वामी किशोरानंद गिरी, स्वामी सुरेश पुरी, स्वामी मनुनंद गिरी, स्वामी महेशानंद गिरी, स्वामी विद्यानंद गिरी, नंदकिशोर जोशी आदि मौजूद रहे।

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