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निर्मल अखाड़े के संयोजन में जिला कारागार में मनाया गया गुरूनानक देव का प्रकाशोत्सव

श्री गुरूनानक देव ने समाज को दिया मानवता का संदेश-महंत जसविन्दर सिंह

हरिद्वार, 18 नवम्बर। श्री पंचायती अखाड़ा निर्मल के सानिध्य में सिख धर्म के संस्थापक गुरु नानक देव का 552वां प्रकाश पर्व जिला कारागार में धूमधाम से मनाया गया। इस अवसर पर कारागार में प्रभात फेरी निकाली गयी, शबद कीर्तन, सुखमणि साहिब का पाठ, कथा कीर्तन तथा लंगर का आयोजन किया गया। संतों, जेल के अधिकारियों व बंदियों ने एक साथ बैठकर लंगर छका। इस अवसर पर निर्मल अखाड़े के कोठारी महंत जसविन्दर सिंह महाराज ने कहा कि जेल अधीक्षक मनोज आर्य की पहल पर कारागार में श्री गुरूनानक देव के 552वें प्रकाशोत्सव के अवसर पर कैदियों को ज्ञान व धर्म के मार्ग पर चलने की प्रेरणा देने के लिए कार्यक्रम का आयोजन किया गया। उन्होंने कहा कि धर्म रक्षा के लिए समाज को एकजुट कर श्री गुरूनानक देव ने समाज को मानवता का संदेश दिया। सभी को उनके दिखाए मार्ग व उनकी शिक्षाओं का अनुसरण करते हुए समाजोत्थान में अपना योगदान देना चाहिए। उन्होंने बंदियों से अपील करते हुए कहा कि अपराध छोड़कर धर्म के मार्ग पर चलते हुए सामाजिक सेवा में योगदान करें। महंत अमनदीप सिंह महाराज ने कैदियों को गुरू पर्व की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि सजा काट रहे बंदियों को धर्म के मार्ग पर अग्रसर करने के लिए जेलर मनोज आर्य लगातार अहम भूमिका निभा रहे हैं। उनके प्रयासों से अवश्य ही कैदियों के जीवन में सकारात्मक परिवर्तन होगा।
जेल अधीक्षक मनोज आर्य ने बताया कि निर्मल अखाड़े के सहयोग से जिला कारागार में श्री गुरुनानक देव का प्रकाश पर्व मनाया गया। गुरू पर्व मनाने का मुख्य उद्देश्य सर्व धर्म समान का भाव जेल में बंद कैदियों में विकसित करना है। जेल में सभी धर्मों के पर्व मनाए जाते हैं। इस तरह के कार्यक्रमों से जेल में बंद कैदियों का मानसिक तनाव भी दूर होता है। भविष्य में भी ऐसे कार्यक्रम लगातार आयोजित किए जाएंगे। जेल अधीक्षक मनोज कुमार आर्य ने कहा कि गुरुनानक देव के विचार और शिक्षाएं आज भी प्रासंगिक हैं। सभी को उनके दिखाए मार्ग पर चलने का प्रयास करना चाहिए।
इस दौरान संत जरनैल सिंह, संत जसकरण सिंह, संत जसवंत सिंह, हरजौत सिंह, समाजसेवी देवेंद्र सिंह सोढ़ी, प्रभारी जेलर विकास चंद्रा, रामनारायण सिंह, हेड वार्डन सौरण सिंह, चीफ फार्मासिस्ट राकेश गैरोला आदि मौजूद रहे।

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