Dharm

कठोर जनसंख्या नियंत्रण कानून लागू करे सरकार-महंत प्रेमदास

विक्की सैनी

हरिद्वार, 4 सितमम्बर। नीलेश्वर महादेव मंदिर के परमाध्यक्ष महंत प्रेमदास महाराज ने कहा है कि भारत की बढ़ती जनसंख्या देश के विकास में अवरोधक साबित हो रही है। सरकार को कठोर जनसंख्या नियंत्रण कानून बनाकर बढ़ती जनसंख्या पर रोक लगानी चाहिए। उन्होंने कहा कि लगातार बढ़ रही जनसंख्या के कारण देश में बेरोजगारी बढ़ रही है। शिक्षा चिकित्सा जैसी सुविधाओं का अभाव हो रहा है। जिस प्रकार मोदी सरकार ने धारा 370, तीन तलाक जैसे ऐतिहासिक निर्णय लिए हैं उसी प्रकार प्रस्ताव लाकर कठोर जनसंख्या नियंत्रण कानून पारित करना चाहिए। तभी देश उन्नति की ओर अग्रसर होगा और देश में रामराज स्थापित होगा। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार में ही इस तरह के ऐतिहासिक निर्णय लिए जा सकते हैं। मोदी सरकार लगातार ऐतिहासिक फैसले लेकर देश को उन्नति की ओर अग्रसर कर रही है। बढ़ती जनसंख्या के कारण देश का सुनियोजित विकास नहीं हो पा रहा है। सरकारी सुविधाओं का लाभ भी पात्र लोगों को नहीं मिल पा रहा है। बढ़ती जनसंख्या के कारण संसाधनों की कमी हो रही है। बढ़ती जनसंख्या पर्यावरण प्रदूषण, ध्वनि प्रदूषण एवं महामारियों को भी न्यौता देने का काम कर रही है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार को अतिशीघ्र जनसंख्या नियंत्रण पर ठोस कानून बनाएं जाएं। जो लोग जनसंख्या को बढ़ाने का काम कर रहे हैं। उन लोगों की सरकारी सुविधाएं बंद होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि जनसंख्या का बढ़ता घनत्व देश के लिए खतरे का संकेत बनता जा रहा है। युवा वर्ग बेरोजगारी की ओर बढ़ रहा है। संसाधन उपलब्ध नहीं हो पाते हैं। आए दिन किसी न किसी प्रकार की उलझने समाज के समक्ष उत्पन्न हो रही हैं। बिजली पानी की कमी को देश की जनता झेल रही है। यातायात सुलभ तरीके से नहीं मिल पाते हैं। कृषि भूमि भी लगातार कम हो रही है। जिससे लोगों के लिए खाद्यान्न की आवश्यकताओं को भी पूरा नहीं हो पाता है। जनसंख्या वृद्धि के कारण लगातार संसाधनों की मांग बढ़ती जा रही है। जिसके कारण सरकार को विदेशों से भारी मात्रा में संसाधनों का आयात करना पड़ रहा है और निर्यात की कमी होती जा रही है। जिसका प्रभाव भारत की अर्थव्यवस्था पर मुख्य रूप से पड़ रहा है। सरकार को जल्द से जल्द जनसंख्या नियंत्रण कानून पारित करना चाहिए।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *