हरिद्वार। श्री पंचायती अखाड़ा बड़ा उदासीन में जारी विवाद के बीच महंत दुर्गादास गुट को बड़ा झटका लगा है। अखाड़े में कब्जे और अधिकार को लेकर अखाड़े के संतों को हस्तक्षेप न करने का इलाहाबाद न्यायालय ने महंत रघुमुनि महाराज के पक्ष में जून महीने में स्टे ऑर्डर दिया था। इसके खिलाफ दुर्गादास गुट ने हाईकोर्ट में अपील दायर की थी। दोनों पक्षों को सुनने के बाद इलाहाबाद हाईकोर्ट ने दुर्गादास गुट के दावे को खारिज कर दिया है। इसके बाद दुर्गादास सहित उनके सहयोगी संतो को बड़ा झटका मिला है। साथ ही इस फैसले को महंत रघुमुनि महाराज की बड़ी जीत के रूप में देखा जा रहा है। अखाड़े के सचिव महंत अग्रदास महाराज ने बताया कि पूर्व में भी सहायक रजिस्टर फर्म्स सोसाइटीज एंड चिट्स कार्यालय प्रयागराज द्वारा पूर्व कार्यरत प्रबंध समिति को वैध मानते हुए उनके दायित्वों के निर्वहन एवं कार्य क्षेत्र में हस्तक्षेप न करने का आदेश जारी किया गया था। अब हाईकोर्ट ने महंत रघुमुनी महाराज के स्टे के खिलाफ दुर्गादास गुट द्वारा दायर की गई याचिका को खारिज कर दिया है। उन्होंने कहा कि साजिश के तहत अखाड़े के कुछ संत महंत रघुमुनि महाराज को बदनाम कर उनकी छवि को धूमिल करने का कार्य कर रहे हैं। लेकिन उनके मंसूबे कभी कामयाब नहीं होंगे। महंत निर्मल दास महाराज ने कहा कि कुछ संत अखाड़े में फूट डालकर विवाद पैदा करने का कार्य कर रहे हैं। जिनको लगातार मुंह की खानी पड़ रही है। न्यायालय द्वारा पारित आदेश साजिशकर्ताओं के लिए सबक है। जिससे उन्हें सीखने की आवश्यकता है। महंत रघुमुनी महाराज अखाड़े को उन्नति की ओर अग्रसर करने में लगातार अपना योगदान प्रदान कर रहे हैं आगे भी निष्पक्ष सेवा भाव से करते रहेंगे।