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साक्षात श्री हरि का स्वरूप है श्रीमद् भागवत कथा-स्वामी ऋषिश्वरानंद


हरिद्वार, 17 सितम्बर। श्री चेतन ज्योति आश्रम के अध्यक्ष स्वामी ऋषिश्वरानंद महाराज ने कहा है कि कलयुग में श्रीमद् भागवत साक्षात श्री हरि का रूप है। पावन हृदय से इसका स्मरण मात्र करने पर करोड़ों पुण्य का फल प्राप्त होता है। इस कथा को सुनने के लिए देवी देवता भी तरसते हैं और दुर्लभ मानव प्राणी को ही इस कथा श्रवण का लाभ प्राप्त होता है। भूपतवाला स्थित हरीधाम सनातन सेवा आश्रम ट्रस्ट में आयोजित श्रीमद् भागवत कथा के चैथे दिन श्रद्धालु भक्तों को कथा का रसपान कराते हुए स्वामी हरिहरानंद महाराज ने कहा कि भगवान श्री कृष्ण की रासलीला के दर्शन करने के लिए भगवान शिव को भी गोपी का रूप धारण करना पड़ा था। हमारे यहां भागवत रूपी रास चलता है। परंतु मनुष्य दर्शन करने को नहीं आते। श्रीमद् भागवत कथा के श्रवण मात्र से ही प्राणी मात्र का कल्याण संभव है। पूर्व पालिका अध्यक्ष सतपाल ब्रह्मचारी और बाबा बलराम दास हठयोगी ने कहा है कि मानव जीवन में श्रीमद् भागवत कथा का बहुत बड़ा महत्व है। कथा के समय स्वयं भगवान कथा स्थल में विराजमान रहते है।ं अतः इस कथा का श्रवण शुद्ध मन से पूरे भक्ति और श्रद्धा से करना चाहिए। श्रीमद् भागवत कथा मनुष्य के जीवन को सार्थक बनाती है और उसके मोक्ष का मार्ग प्रशस्त होता है। आनंद पीठाधीश्वर आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी बालकानंद गिरी महाराज ने कहा कि भगवान श्री कृष्ण का अवतरण मानव जीवन के उद्धार के लिए हुआ। वास्तव में मनुष्य योनि में भगवान भी स्वयं जन्म लेना चाहते हैं। जिससे वह अपने आराध्य ईश्वर की भक्ति कर सकें। भगवान मात्र स्वच्छ मन से की गई आराधना के अधीन होते हैं और भक्ति और प्रेम से प्रसन्न होकर साधक को मनोवांछित फल प्रदान करते हैं। इसलिए पवित्र मन से कथा का श्रवण अवश्य करना चाहिए। कथा व्यास आचार्य राजेश कृष्ण महाराज ने कहा कि जिस स्थान पर श्रीमद् भागवत कथा का आयोजन होता है। वहां का संपूर्ण क्षेत्र दुष्ट प्रवृत्तियों से खत्म होकर सकारात्मक ऊर्जा से सशक्त हो जाता है। वास्तव में जन्म तो हर प्राणी एवं और मनुष्य लेता ह।ै लेकिन उसे अपने जीवन का अर्थ बोध नहीं होता है। श्रीमद् भागवत कथा व्यक्ति के जीवन को बदल देती है और उसमें उत्तम चरित्र का निर्माण करती है। इसीलिए सभी को कथा के महत्व को अवश्य समझना चाहिए। कथा के यजमान हांगकांग निवासी विनोद धारीवाल, विला धारीवाल ने व्यास पीठ का पूजन व आरती कर संत महापुरूषों से आशीर्वाद प्राप्त किया। इस अवसर पर सतपाल ब्रह्मचारी, महंत प्रहलाद दास, महंत रामानंद सरस्वती, स्वामी निरंजन महाराज, राजमाता आशा भारती महाराज, स्वामी ऋषि रामकृष्ण, आचार्य मनीष जोशी, अशोक गोस्वामी, दीपक शर्मा, सुरेश पुरी, महेश योगी सहित बड़ी संख्या में श्रद्धालु मौजूद रहे।

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