हरिद्वार, 14 नवम्बर। साधु बेला पीठाधीश्वर आचार्य स्वामी गौरी शंकर दास महाराज ने सलमान खुर्शीद द्वारा लिखित पुस्तक में हिंदुत्व की तुलना आईएसआईएस जैसे आतंकवादी संगठनों से करने पर कड़ा एतराज जताया है। प्रैस को जारी बयान में आचार्य स्वामी गौरी शंकर दास महाराज ने कहा है कि सनातन धर्म सबसे प्राचीन एवं शांतिप्रिय धर्म है। जो युगो युगो से समस्त विश्व को मानवता का संदेश देता आया है। सलमान खुर्शीद जैसे घटिया नेता अपनी दोगली राजनीति के चलते हिंदू मुस्लिम विवाद पैदा कर देश का सांप्रदायिक माहौल बिगाड़ना चाहते हैं। जिसे कभी सफल नहीं होने दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि चुनाव नजदीक आते ही कुछ नेता हिंदू देवी देवता और सनातन धर्म पर अनर्गल टिप्पणी करते हैं। जिससे उन्हें राजनीतिक फायदा मिल सके। लेकिन आम आदमी सभी राजनीतिक दलों से भली भांति परिचित है और ऐसे नेताओं की मानसिकता को पहचानता है। उन्होंने कहा कि संत समाज ऐसे लोगों को उनके मंसूबों में कामयाब नहीं होने देगा। देश की एकता और अखंडता को किसी भी प्रकार से टूटने नहीं दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार को सलमान खुर्शीद और राशिद अल्वी जैसे नेताओं पर कड़ी कार्रवाई कर उन्हें देश से बाहर कर देना चाहिए। साथ ही कांग्रेस पार्टी को भी अपनी विचारधारा को बदलना चाहिए। एक समुदाय विशेष का वोट बैंक पाने के लिए सनातन धर्म पर अनर्गल टिप्पणी करना सरासर गलत है। जिसे संत समाज कतई बर्दाश्त नहीं करेगा। उन्होंने कहा कि प्रभु श्रीराम जन-जन के आराध्य है और प्रत्येक सनातनी के हृदय में विराजमान है। भगवान श्री राम का नाम लेने से ही व्यक्ति का जीवन भवसागर से पार हो जाता है। कांग्रेसी नेताओं द्वारा समय-समय पर भगवान श्रीराम पर अमर्यादित टिप्पणी की जाती है। कांग्रेस पार्टी अपने नेताओं को हिदायत में रहने की सीख दे। सलमान खुर्शीद और राशिद अल्वी के बयान से संत समाज के साथ-साथ सभी सनातन प्रेमियों को गहरी ठेस पहुंची है और समस्त हिंदू समाज आक्रोशित और नाराज है। ऐसे बयानों से देश में कभी भी सौहार्द का माहौल बिगड़ सकता है। केंद्र सरकार को ऐसे नेताओं को कड़ा सबक सिखाते हुए उन्हें देश एवं समाज से बाहर करना चाहिए। जो हिंदू मुस्लिम विवाद पैदा कर देश की एकता अखंडता को खंडित करना चाहते हैं। आचार्य स्वामी गौरी शंकर दास महाराज ने कहा है कि सभी पार्टियों को यह ध्यान रखना चाहिए कि देश एवं समाज का विकास किसी भी एक समुदाय विशेष को साथ लेकर चलने से नहीं होता है। राजनीतिक पार्टियों को सभी धर्म एवं समुदाय के लोगों को साथ लेकर चलना चाहिए। तभी देश एवं समाज उन्नति की ओर अग्रसर रह सकता है और सर्व समाज को साथ लेकर ही देश को एकता के सूत्र में बांधा जा सकता है।
