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पश्चिम बंगाल में राष्ट्रपति शासन लागू करे केंद्र सरकार-श्रीमहंत रविन्द्रपुरी

हरिद्वार, 24 मार्च। अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं श्री पंचायती अखाड़ा निरंजनी के सचिव श्रीमहंत रविंद्रपुरी महाराज ने केंद्र सरकार एवं राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से पश्चिम बंगाल में राष्ट्रपति शासन लागू करने की मांग की है। मायापुर स्थित निरंजनी अखाड़े में प्रैस को जारी बयान में श्रीमहंत रविंद्रपुरी महाराज ने कहा कि पश्चिम बंगाल में लगातार हो रही हिंसा और हत्या की घटनाएं भारत की एकता और अखंडता को खंडित कर रही हैं। ममता बनर्जी एक मुख्यमंत्री के रूप में राज्य में सरकार चलाने में नाकाम साबित हो रही हैं। चुनाव से पहले और चुनाव के बाद लगातार लोगों की हत्या की जा रही है। आगजनी और बवाल हिंसा के चलते लगभग तीन दर्जन लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी है। लेकिन ममता बनर्जी स्थिति पर नियंत्रण नहीं कर पा रही हैं। केंद्र सरकार को इस मामले में हस्तक्षेप कर त्वरित रूप से पश्चिम बंगाल में राष्ट्रपति शासन लागू करना चाहिए और अपराधियों को जांच के पश्चात कड़ी से कड़ी सजा दी जानी चाहिए। आनंद पीठाधीश्वर आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी बालकानंद गिरी महाराज ने कहा कि पश्चिम बंगाल में जो जघन्य हत्याएं हो रही हैं। वह कश्मीर से कश्मीरी पंडितों के पलायन का ही दृश्य है। शुरुआती तौर पर कश्मीर में भी इसी तरह से हिंदुओं पर अत्याचार कर उन्हें पलायन के लिए मजबूर किया गया था। आज वही स्थिति पश्चिम बंगाल में हो रही है। केंद्र सरकार को इस पर ध्यान देकर जल्द से जल्द वहां पर संविधान की धारा 356 के तहत राष्ट्रपति शासन लागू करना चाहिए। हिंदुओं का बड़े स्तर पर कत्लेआम संत समाज बर्दाश्त नहीं करेगा। इसके लिए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से मिलकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मांग की जाएगी कि पश्चिम बंगाल में हो रही घटनाओं को रोकने के लिए वहां का नियंत्रण केंद्र सरकार अपने हाथ में ले और तत्कालीन सरकार को बर्खास्त किया जाए। इस अवसर पर निरंजनी अखाड़े के सचिव श्रीमहंत रामरतन गिरी, महंत सुरेश पुरी, आचार्य मनीष जोशी, दिगंबर गंगागिरी, दिगंबर आशुतोष पुरी, स्वामी रघुवन, स्वामी मधुरवन आदि ने भी केंद्र सरकार से पश्चिम बंगाल में राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग की।

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