हरिद्वार, 11 सितम्बर। द्वारका शारदा पीठाधीश्वर जगतगुरु शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती महाराज के ब्रह्मलीन हो जाने से संपूर्ण भारतवर्ष के संत समाज में शोक की लहर दौड़ गई है। जगतगुरु शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती महाराज 99 वर्ष के थे और लंबे समय से बीमार चल रहे थे। मध्य प्रदेश के नरसिंहपुर स्थित आश्रम में उन्होंने अपनी आखिरी सांस ली। उनके आकस्मिक ब्रह्मलीन हो जाने पर भारत साधु समाज के प्रवक्ता एवं श्री चेतन ज्योति आश्रम के अध्यक्ष स्वामी ऋषिश्वरानंद महाराज ने गहरा शोक व्यक्त करते हुए उन्हें संपूर्ण सनातन जगत के लिए अपूरणीय क्षति बताया है। प्रेस को जारी बयान में स्वामी ऋषिश्वरानंद महाराज ने कहा कि जगतगुरु शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती महाराज में बाल्यावस्था से ही अद्भुत गुणों का समावेश था। उन्होंने अपना संपूर्ण जीवन सनातन धर्म एवं भारतीय संस्कृति की रक्षा के लिए समर्पित किया और भारत ही नहीं अपितु विश्व भर के युवा संतों के प्रेरणा स्रोत के रूप में हमेशा समाज को एक नई दिशा प्रदान की। संत समाज उन्हें अपनी श्रद्धांजलि प्रदान करते हुए उनके चरणों में नमन करता है। महामंडलेश्वर स्वामी हरि चेतनानंद महाराज ने कहा कि ब्रह्मलीन स्वामी जगतगुरु स्वरूपानंद सरस्वती महाराज एक युग महापुरुष थे। जिनके ब्रह्मलीन हो जाने से सनातन जगत स्तब्ध है। राम मंदिर निर्माण को लेकर आंदोलन में उनकी भूमिका मुख्य रही और धर्म के संरक्षण संवर्धन के लिए उन्होंने सदैव ही भावी पीढ़ी को संस्कारवान बनाया। उनका जीवन समर्थन समाज के लिए सदैव प्रेरणादाई रहेगा माता। वैष्णो देवी शक्ति पीठ के महंत दुर्गादास महाराज ने कहा कि ब्रह्मलीन जगतगुरु स्वामी शंकराचार्य सरस्वती महाराज सनातन जगत के पुरोधा थे। जिनके नेतृत्व में भारत में धर्म की रक्षा हेतु अनेकों आंदोलन चलाए गए और समाज में फैली हुई कुरीतियों को उन्होंने दूर कर समाज को समरसता का संदेश दिया। राष्ट्र निर्माण में उनका अतुल्य योगदान कभी भुलाया नहीं जा सकता। अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष एवं श्री पंचायती अखाड़ा महानिर्वाणी के सचिव श्रीमहंत रविंद्रपुरी महाराज ने कहा कि जगतगुरु शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती महाराज का ब्रह्मलीन हो जाना संपूर्ण मानव जाति के लिए एक गहरी क्षति है। संत समाज एवं मानव जगत सभी के लिए उनका जीवन एक आदर्श था। हजारों युवा संतो को जिन्होंने मानव जाति की रक्षा और धर्म के प्रति जागृत कर भारत को एक सशक्त राष्ट्र बनाने में अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया। ऐसे अवतारी महापुरुष का ब्रह्मलीन हो जाना एक अपूर्ण क्षति है।
Related Articles
साक्षात श्री हरि का स्वरूप है श्रीमद् भागवत कथा-स्वामी ऋषिश्वरानंद
हरिद्वार, 17 सितम्बर। श्री चेतन ज्योति आश्रम के अध्यक्ष स्वामी ऋषिश्वरानंद महाराज ने कहा है कि कलयुग में श्रीमद् भागवत साक्षात श्री हरि का रूप है। पावन हृदय से इसका स्मरण मात्र करने पर करोड़ों पुण्य का फल प्राप्त होता है। इस कथा को सुनने के लिए देवी देवता भी तरसते हैं और दुर्लभ मानव […]
11000 दीप प्रज्वलित कर संतों ने मनायी देव दीपावली
राकेश वालिया धार्मिक अनुष्ठानों से ही दूर होगा कोरोना-स्वामी अर्जुन पुरीहरिद्वार, 30 नवम्बर। देव दीपावली के अवसर पर भूपतवाला स्थित तुलसीमानस मंदिर में म.म.स्वामी अर्जुन पुरी महाराज के सानिध्य में संतों ने 11000 हजार दीपक जलाकर देश दुनिया को कोरोना महामारी से मुक्ति की प्रार्थना की। इस दौरान श्रद्धालु भक्तों को संबोधित करते हुए म.म.स्वामी […]
कांग्रेस पार्टी सर्व समाज की पार्टी है।- दिनेश कुमार
विक्की सैनी सैकड़ों ग्रामीणों ने ली कांग्रेस की सदस्यता हरिद्वार, 1 फरवरी। ज्वालापुर विधानसभा के कई गांवों में विधानसभा प्रभारी बालेश्वर सिंह ने जनसंपर्क किया और कार्यकर्ताओं की बैठक ली। वहीं रसूलपुर टोंगिया में जिला उपाध्यक्ष दिनेश कुमार के नेतृत्व में कांग्रेस पार्टी की रीति नीति से प्रभावित होकर सैकड़ों ग्रामीणों ने कांग्रेस की सदस्यता […]