हरिद्वार, 13 जुलाई। महामंडलेश्वर स्वामी रामेश्वरानंद सरस्वती महाराज ने गुरु पूर्णिमा पर्व पर श्रद्धालु भक्तों को गुरु की महिमा का सार बताते हुए कहा कि गुरु हमेशा ही अपने शिष्य को भवसागर से पार लगाते हैं और जब तक शिष्य का जीवन सफल नहीं हो जाता तब तक गुरू को उसका मार्गदर्शन करते हैं। व्यक्ति किसी भी क्षेत्र में कार्यरत हो, सफलता गुरू के मार्गदर्शन से ही मिलती है। हम सभी सौभाग्यशाली है जो हमें जीवन में गुरु की प्राप्ति हुई है। गुरु की कृपा का आभार हम अपना जीवन देकर भी नहीं चुका सकते। क्योंकि गुरु को ईश्वर से भी ऊंचा दर्जा प्राप्त है। हम सभी को ईश्वर का बोध कराने वाले गुरु ही हैं। गुरु की कृपा जिस पर हो जाए। वह ईश्वर को भी प्राप्त कर लेता है। इसलिए हम सभी को अपने गुरुओं का मान सम्मान आदर सत्कार करते हुए उनके प्रसांगिक जीवन को आत्मसात करते हुए निरंतर हरि स्मरण करते रहना चाहिए और अपने सामर्थ्य अनुसार समाज के गरीब असहाय लोगों की सहायता करनी चाहिए।
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