हरिद्वार, 3 अप्रैल। अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्रीमहंत नरेंद्र गिरि महाराज ने कहा है कि आद्य जगतगुरु शंकराचार्य ने 13 अखाड़ों की स्थापना की थी। जिनकी परंपराओं का निर्वहन अनादि काल से संत महापुरुष करते चले आ रहे हैं। सनातन धर्म में केवल 13 अखाड़े हैं। 14वां अखाड़ा ना है और ना कभी होगा। इसलिए लोग भ्रमित ना हांे। किसी को भी 14वें अखाड़े के रूप में मान्यता नहीं दी जा सकती है। उन्होंने सभी प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया कर्मियों से अपील करते हुए कहा कि किसी भी समाज अथवा संप्रदाय को 14वें अखाड़े के रूप में प्रकाशित ना किया जाए और भविष्य में यदि कोई भी 14वें अखाड़े का संबोधन अपने समाचार पत्र या चैनल में करता है, तो इसके खिलाफ अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद कोर्ट जाएगी। उन्होंने कहा कि मेला प्रशासन के साथ होने वाली मीटिंग एवं मुख्यमंत्री के साथ होने वाली मीटिंग में मात्र 13 अखाड़ों के प्रतिनिधि ही मौजूद रहते हैं और तेरह अखाड़े ही शाही स्नान के लिए जाते हैं। चैदहवें अखाड़े के रूप में किसी का भी प्रचार प्रसार कतई स्वीकार नहीं किया जाएगा। उन्होंने कहा कि चैदहवें अखाड़े को लेकर लोगों में भ्रम की स्थिति पैदा हो रही है, जो कि नहीं होनी चाहिए। इसलिए यदि कोई भी चैनल या समाचार पत्र 14वें अखाड़े को प्रकाशित करता है, तो अखाड़ा परिषद इसके लिए कोर्ट जाने को बाध्य होगा।
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