विक्की सैनी
हरिद्वार 17 अगस्त। कुंभ मेला भारतीय संस्कृति की अद्भुत पहचान है जो विश्व पटल पर भारत की एक अलग पहचान बनाता है और करोड़ों श्रद्धालु भक्त कुंभ मेले में पतित पावनी माँ गंगा में स्नान कर पुण्य लाभ अर्जित कर अपने कल्याण का मार्ग प्रशस्त करते हैं उक्त उदगार धर्मगुरू आचार्य संजीव भारद्वाज ने कनखल स्थित आद्यशक्ति महाकाली आश्रम में श्रद्धालु भक्तों को संबोधित करते हुए व्यक्त किए। उन्होंने कहा कि कुंभ मेला विश्व का सबसे बड़ा धार्मिक उत्सव है जिस तरह से नाशिक, उज्जैन व प्रयागराज के कुंभ मेले प्रशासन व संत महापुरुषों के आपसी समन्वय से सकुशल संपन्न हुए है उसी तर्ज पर हरिद्वार प्रशासन को भी सभी अखाड़ो व संतो से तालमेल बनाकर कुंभ मेले को सकुशल संपन्न बनाने की रूपरेखा तैयार करनी चाहिए ताकि मेले में आने वाले किसी भी संत महापुरुष व श्रद्धालु भक्त को किसी प्रकार की असुविधा का सामना न करना पड़े। आचार्य संजीव भारद्वाज ने कहा कि अनादि काल से आयोजित होने वाले कुंभ मेले से प्रभावित होकर विदेशी लोग भी भारतीय संस्कृति की ओर आकर्षित हो रहे हैं सम्पूर्ण विश्व में एकता व अखंडता का संदेश कुंभ मेला देता है युगो युगो से अविरल व निर्मल बहने वाली माँ गंगा के आचमन से ही प्राणी मात्र का उद्धार होता है इसलिए माॅ गंगा को स्वच्छ बनायें रखना सभी देशवासियों का कर्तव्य है उन्होंने कहा कि कोरोना काल में गरीब असहाय लोगों पर खाने का संकट गहरा गया है सभी को मिलजुल कर इस संकट की घड़ी में मदद के लिए आगे आना चाहिए क्योकि मिलजुलकर ही निराश्रितो की सेवा की जा सकती है संत समाज लगातार सेवा प्रकल्पो के द्वारा समाज की मदद करता आ रहा है अन्नक्षेत्र के माध्यम से आगे भी निराश्रितो की सेवा अनवरत जारी रहेगी ।