योगेश पांडे, हरिद्वार। धर्मनगरी हरिद्वार अपनी पौराणिकता और धार्मिक मान्यताओं के चलते विश्व विख्यात है। तो वहीं दूसरी ओर हरिद्वार में शुरू हुआ किराएनामे का कल्चर बिल्डर और बड़े बड़े व्यवसायियों को इतना भा रहा है। कि यह लोग आवासीय भूमि पर भी बड़े-बड़े कंपलेक्सो का निर्माण कर उन्हें मोटे किराए पर चढ़ा रहे है इन कंपलेक्सो में ना ही तो पार्किंग की सुविधा है और ना ही किसी दुर्घटना के समय बचाव का कोई रास्ता। बावजूद इसके हरिद्वार रुड़की विकास प्राधिकरण की नजर ऐसे निर्माणों की ओर जाती तो है। लेकिन सांठगांठ की व्यवस्था के चलते नोटिस काटकर मात्र खानापूर्ति ही कर दी जाती है। और बड़े बड़े बिल्डर बेखौफ होकर अनाधिकृत निर्माण कर लाखों रुपए महीना कमा रहे हैं। बरसात के समय ऐसे ही अवैध निर्माणों के चलते हरिद्वार शहर में पानी भी भरता है लेकिन सिस्टम को कोसने वाले लोग यह नहीं देखते की हरिद्वार के अंदर होने वाले जलभराव में उनकी भी भूमिका है। आर्यनगर चौक के निकट ऐसे ही बड़े-बड़े कांपलेक्सो का निर्माण कर भूमाफिया विकास प्राधिकरण को चुनौती दे रहे हैं। और बेखौफ अवैध निर्माणों को पूरा कर रहे हैं। प्राधिकरण के अधिकारी चैन की नींद सोए हैं। हरिद्वार की गरिमा और सौंदर्यकरण का लगातार दमन किया जा रहा है। चावल के कारोबार से जुड़े एक बड़े व्यवसाई द्वारा आवासीय भूमि पर एक कमर्शियल कंपलेक्स का निर्माण कर मोटे किराए पर चढ़ा दिया है। जिसकी शिकायत प्राधिकरण में की गई है। यदि जल्द ही कोई कार्यवाही नहीं होती है तो ऐसे निर्माणों के खिलाफ कोर्ट का दरवाजा खटखटाया जाएगा।